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टाटा स्टील उठायेगी खर्च
इस्टर्न कॉरीडोर : परियोजना में राज्य सरकार नहीं करेगी निवेश जमशेदपुर : शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए टाटा स्टील की ओर से 1600 करोड़ की लागत से तैयार इस्टर्न कॉरीडोर की महत्वाकांक्षी योजना अब धरातल पर उतरने जा रही है. इसपर राज्य सरकार और टाटा स्टील के बीच आपसी समन्वय स्थापित हो […]
इस्टर्न कॉरीडोर : परियोजना में राज्य सरकार नहीं करेगी निवेश
जमशेदपुर : शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए टाटा स्टील की ओर से 1600 करोड़ की लागत से तैयार इस्टर्न कॉरीडोर की महत्वाकांक्षी योजना अब धरातल पर उतरने जा रही है.
इसपर राज्य सरकार और टाटा स्टील के बीच आपसी समन्वय स्थापित हो चुका है. इस्टर्न कॉरीडोर में राज्य सरकार पार्टनर नहीं बनेगी. अब तक टाटा स्टील की योजना के मुताबिक तय किया गया था कि पीपीपी मोड (पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप) पर काम होगा. राज्य सरकार इसमें पार्टनर होगी.
टाटा स्टील भी 50-50 का शेयर में काम करेगी. अब रघुवर दास की अगुवाई वाली सरकार ने तय किया है कि चूंकि टाटा लीज में यह तय है कि नागरिक सुविधा कंपनी को देनी है. राज्य सरकार के साथ टाटा स्टील के उच्चधिकारियों की हुई बातचीत में साफ तौर पर कहा है कि टाटा स्टील का विस्तारीकरण इतने बड़े पैमाने पर हुआ. अब शहर पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है, तो इसे दुरुस्त कौन करेगा. लिहाजा, टाटा स्टील को अकेले ही पूरी परियोजना को धरातल पर उतारना होगा.
इसके लिए टाटा स्टील तैयार हो चुकी है. इसके बदले टाटा स्टील को राज्य सरकार एनओसी देगी, ताकि आसानी से काम हो सके. विधि-व्यवस्था में राज्य सरकार सहयोग करेगी. टाटा स्टील को टोल टैक्स लेने का अधिकार दिया जायेगा. फरवरी में ही इसपर फैसला होने की उम्मीद है. करीब सात साल से यह परियोजना तैयार है, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पा रहा था.
इस्टर्न कॉरीडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना जरूरी है. राज्य सरकार इसे लेकर एनओसी देगी. टाटा स्टील टोल टैक्स वसूलेगी और इसका निर्माण भी करेगी. बहुत जल्द इस पर फैसला हो जायेगा. – रघुवर दास, मुख्यमंत्री
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