26 फरवरी से 5 मार्च तक होलाष्टक होने के कारण कुछ स्थानों पर शुभ कार्य पुन: वजिर्त रहेंगे, यद्यपि बिहार, झारखंड, यूपी आदि प्रांतों में होलाष्टक नहीं मनाया जाता, जिसके कारण इन राज्यों के निवासियों के यहां शुभ कर्म आयोजित होते हैं. पुन: 6 मार्च से शुद्ध काल आरंभ होगा, जो 13 मार्च तक जारी रहेगा.
वैशाख कृष्ण एकादशी (15 अप्रैल) से 16 जून तक विवाहादि शुभ कार्य होंगे. 17 जून को सूर्य की कर्क संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायण हो जायें गे तथा 27 जून को हरिशयनी एकादशी भी हो जायेगी जिसके कारण उसके बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवोत्थान एकादशी) के बाद ही लगन शुरू होंगे.