पटमदा/जमशेदपुर: दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी व आसपास के क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन के रूप में विकसित करने के लिए वहां की खदानों को बंद करने के खिलाफ ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है. दलमा क्षेत्र ग्राम सुरक्षा मंच के बैनर तले लोगों ने गुरुवार को बोड़ाम हाट मैदान में पारंपरिक हरबे हथियारों से लैश होकर सभा की.
सभा में फैसला लिया गया कि वे किसी हाल में क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन नहीं बनने देंगे. अगर वे विभागीय कार्रवाई से प्रभावित हुए, तो दलमा के जानवरों का सेंदरा करेंगे. इसका विरोध करने पर वन अधिकारियों का भी सेंदरा किया जायेगा. सभा में पटमदा, बोड़ाम, नीमडीह, चांडिल और जमशेदपुर के लोग शामिल थे.
जान दे देंगे, लेकिन इको सेंसेटिव जोन नहीं बनने देंगे. सभा में बलदेव सिंह ने कहा कि आदिवासियों को विस्थापित करने व रोजगार छीनने वाले ऐसे इको सेंसेटिव जोन को सरकार वापस ले, वरना दलमा क्षेत्र के लोगों का आंदोलन जारी रहेगा. गांव वाले जान दे देंगे पर इको सेंसेटिव जोन नहीं बनने देंगे. इस क्षेत्र के लोग भरत भुईयां, गंगा नारायण सिंह, जिलपा लाया जैसे ब्रिटिश आंदोलन कारियों का वंशज हैं. एक बार हथियार उठा लेंगे, तो दुबारा पीछे नहीं देखेंगे. सेंदरा समिति के जलन मार्डी ने कहा कि जंगली जानवरों की सुरक्षा व पर्यटन के लिए विकास के नाम पर इको सेंसेटिव जोन का निर्माण किया जा रहा है. कार्यक्रम को जिला परिषद प्रदीप बेसरा, प्रमुख मेनका किस्कू, छुटुलाल हांसदा, सुकांति किस्कू, खगेन सिंह, श्रीकांत हांसदा, हिमांशु महतो, चंद्रशेखर, लक्ष्मण सिंह, परितोष गोप, डॉ रुपाय माझी, गंगाधर सिंह आदि ने संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन मनबोध सिंह ने किया.
इको सेंसेटिव जोन के विरोध में हर सप्ताह होगी सभा
सभा के दौरान लोगों में मंच की ओर से परचा बांटा गया. इसमें इको सेंसेटिव जोन का विरोध किया गया. बताया गया कि पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत यह क्षेत्र है. इस क्षेत्र में सीएनटी एक्ट भी लागू है. साजिश के तहत ग्रामीणों को बेदखल करने की कोशिश हो रही है. इसके विरोध में विभिन्न स्थानों पर सभा और हर सप्ताह बैठक होगी. 13 जनवरी को पटमदा प्रखंड के गोबरघुसी हाट मैदान, 19 जनवरी को चांडिल प्रखंड के हमसादा फुटबॉल मैदान, 25 को जमशेदपुर प्रखंड के भिलाई पहाड़ी हाट मैदान और 30 को नीमडीह प्रखंड के मातकमडीह फुटबॉल मैदान में सभा होगी.