।। मुख्य अतिथि जयराम रमेश ने गाउन व टोपी पहनने से किया इंकार।।
जमशेदपुरः केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा : हम सभी व्यवस्था में परिवर्तन चाहते हैं. वास्तव में ऐसा चाहते हैं, तो इसकी शुरुआत विश्वविद्यालयों से करें. वह शनिवार को चाईबासा में कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. समारोह में उन्होंने गाउन व टोपी पहनने से इंकार कर दिया. अपने संबोधन के आरंभ में ही उन्होंने इसकी वजह परिवर्तन की पहल बतायी.
उन्होंने कहा : भारत विश्व गुरु रहा है और दीक्षांत में गाउन व टोपियां हमारी संस्कृति के खिलाफ है. अत: अंगरेजी जमाने की परंपरा को बदलने की कोशिश होनी चाहिए, लेकिन बदलने की शक्ति कम लोगों में ही है. परिवर्तन या बदलाव सभी चाहते हैं. इसलिए इसकी शक्ति भी सब में होनी चाहिए, जिसकी शुरुआत विश्वविद्यालयों की जानी चाहिए. उन्होंने उम्मीद जतायी कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अगले दीक्षांत समारोह में गाउन व टोपी की जगह अंगवस्त्र व्यवहार में लाया जायेगा.
जो भी सीखा, जीवन के विवि से
केंद्रीय मंत्री ने कहा : आइआइटी और अमेरिकी विश्वविद्यालयों में मैंने पढ़ाई की, लेकिन वहां कुछ सीखा नहीं. जो कुछ सीखा, जनसंपर्क, नयी–नयी चुनौतियां व परिस्थितियों से. इसे उन्होंने जीवन के विश्वविद्यालय की संज्ञा दी.
एक चैप्टर बंद, तो एक खुला
केंद्रीय मंत्री ने कहा : यहां डिग्री लेने के साथ जीवन का एक चैप्टर बंद हुआ, तो दूसरा खुल गया है. इसलिए जहां भी जायें, वहां सीखने का प्रयास करें. यह विश्वविद्यालय व यह धरती आपकी जड़ है. इसे भूलें नहीं. चेंज मेकर बन कर अपनी जड़ झारखंड, कोल्हान व सिंहभूम लौटें, क्योंकि हमारे देश में उच्च शिक्षा भी सब्सिडाइज्ड है. आज भी यहां ढाई–तीन सौ रुपये फीस पर उच्च शिक्षा मिलती है. अत: आप इस समाज के ऋणी हैं. पढ़–लिख कर यह ऋण चुकायें. इस विश्वविद्यालय में आयें और भावी पीढ़ी को शिक्षित करें.
अमीर राज्य में गरीब जनता
जयराम रमेश ने कहा : राज्य गठन के 13 वर्ष बाद यहां एक सपना पूरा हुआ है. इस राज्य में भ्रष्टाचार, राजनैतिक अस्थिरता, माओवाद का प्रभाव रहा है. देश का यह अमीर राज्य है, जहां गरीब रहते हैं. इसलिए राज्य व समाज के उत्थान के लिए कार्य करें.
यहां के विद्यार्थी वल्र्ड क्लास : पूर्व में आइआइटी के संबंध में अपने एक बयान पर उपजे विवाद की चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री रमेश ने कहा कि हमारे देश में विश्वविद्यालय और संस्थाएं इसलिए बेहतर नहीं कर रहीं कि वहां काफी अच्छी पढ़ाई होती है या फैकल्टी अच्छे हैं. बल्कि ऐसा इसलिए है कि हमारे विद्यार्थी वर्ल्ड क्लास हैं. हमारे शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों की वजह से बढ़ रहे हैं. उन्होंने इस बात पर भी खुशी जतायी कि मेडल पानेवालों में लगभग 60 प्रतिशत छात्राएं है.
प्राकृतिक व खनिज संपदा से भरपूर हमारे राज्य में विकास की असीम संभावनाएं हैं. लेकिन बौद्धिक संपदा के बिना हम इन प्राकृतिक और खनिज संपदाओं का कुशलता पूर्वक उपयोग नहीं कर सकते. इस परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय की महती भूमिका है. ज्ञान और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के विभिन्न आयामों के जरिये ही हम विकास की रफ्तार को तेज कर सकते है.
डॉ सैयद अहमद, राज्यपाल सह कुलाधिपति
ज्ञान के लिए खोज और मानवता के लिए प्रेम ही सही मायनों में तपस्या है. अनुशासन के साथ जीवन का लक्ष्य हासिल करें विद्यार्थी. स्वजिर्त उपाधि व स्वर्ण पदक को अपने जीवन व आचरण में उतारें, इसके योग्य बनें.
डॉ सलिल कुमार रॉय, कुलपति