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दहशतगर्द आशिक- ए -रसूल नहीं हो सकते (फोटो : हैरी-3)

उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर रुहानी मर्कज की ओर से ईद मिलादुन नबी के मौके पर शान- ए- इसलाम अवार्ड प्रदान किया गया. समारोह की अध्यक्षता रुहानी मर्कज के अध्यक्ष हसन रिजवी ने की. कारी अलहाज अब्दुल जलील ने तिलावत- ए- कलाम पाक से महफिल का आगाज किया. मौलाना मेराजुल हक फैजी ने नात- ए- पाक पेश […]

उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर रुहानी मर्कज की ओर से ईद मिलादुन नबी के मौके पर शान- ए- इसलाम अवार्ड प्रदान किया गया. समारोह की अध्यक्षता रुहानी मर्कज के अध्यक्ष हसन रिजवी ने की. कारी अलहाज अब्दुल जलील ने तिलावत- ए- कलाम पाक से महफिल का आगाज किया. मौलाना मेराजुल हक फैजी ने नात- ए- पाक पेश किया. मेहमानों को गुलदस्ता व अजमेरी चादर पेश किया गया. अलहाज सूफी अलीमुद्दीन आसवी ने मौलाना फरीदुद्दीन सिवानी को शान- ए- इसलाम- 2014 और अलहाज मंजर इमाम ने मौलाना खुशतर नुरानी को शान- ए- इसालाम अवार्ड- 2015 पेश किया, जबकि मदरसा फैजुलउलूम के महासचिव व मक्का मसजिद के उपाध्यक्ष एनुद्दीन खान को उनकी तालिमी व तामिरी खिदमात के लिए खादिम- ए- कौम सम्मान से नवाजा गया. यह सम्मान अलहाज गुलाम अली ने पेश किया. मौलाना फरीद सिवानी ने कहा कि आशिक- ए- रसूल कभी दहशत गर्द नहीं हो सकते. मौलाना खुशतर नूरानी ने कहा कि जुलूस- ए- मोहम्मदी का इतना शानदार नजारा किसी दूसरे शहर में नजर नहीं आता. मर्कज के सदर हसन रिजवी ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के चाहनेवालांे को इंसानियत का एहतराम करना चाहिए. अंत में ओलमाओं ने इंसानियत, इंसाफ व देश राज्य में अमन चैन की दुआ मांगी. इस समारोह में आफातब अहमद सिद्दिकी, अनवर अली, अलहाज सूफी अलीमुद्दीन आसवी, अलहाज मंजर इमाम, अलहाज गुलाम अली, शौकत अली, फहद अली, अब्बास अंसारी, अनवर अली, बरकतुल्लाह, अतीकुर रहमान, शमीम अख्तर, अफसर, इमरान, एहसानुल हक, एमडब्ल्यू हक, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद शफी आदि समेत काफी ओलमा व अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.

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