जमशेदपुरः सीतारामडेरा पुलिस की मदद से बिल्डर मुन्ना खान ने गुरुवार की देर रात 51 न्यू सीतारामडेरा (हनुमान मंदिर के समीप) स्थित तीन दुकानों को बुलडोजर चलवा कर तोड़ दिया और अंदर रखे सामान बाहर फेंक दिये.
इस घटना में दुकानदारों को नौ लाख का नुकसान हुआ है. शुक्रवार तड़के चोरों द्वारा तितर–बितर सामान को चुरा कर ले जाने की भी सूचना है. सुबह छह बजे घटना की जानकारी मिलने के बाद दुकानदारों ने भालुबासा गोलचक्कर पर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया.
डीएसपी केएन चौधरी द्वारा कार्रवाई का आश्वासन दिये जाने पर मामला शांत हुआ. सुबह नौ बजे के बाद सड़क जाम हटा. तीनों दुकानदारों ने सीतारामडेरा थाने में बिल्डर मुन्ना खान, थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए लिखित आवेदन दिया है. वहीं, घटना की सूचना मिलने पर विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग मौके पर पहुंचे.
क्या है मामला
दुकानदार गुरविंदर कौर, झंटू प्रमाणिक तथा काजल भट्टाचार्य के मुताबिक उन्होंने दुकान उषा देवी से किराये पर ली थी. उस वक्त 45 हजार रुपये एडवांस दिया था. बीच में उषा देवी ने पावर ऑफ अटॉर्नी अपने दामाद जितेंद्र शर्मा के नाम कर दी. जितेंद्र शर्मा ने बिल्डर मुन्ना खान को जमीन बेच दी. इसके बाद से मुन्ना खान दुकानदारों पर दुकान खाली करने का दबाव बना रहा था. दुकानदारों ने इस संबंध में जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में मामला दर्ज कराया, जिसकी सुनवाई चल रही है. इसके बावजूद बिल्डर उन्हें धमकी दे रहा था. इस पर दुकानदारों ने एक जुलाई को एसएसपी रिचर्ड लकड़ा से लिखित शिकायत की. एसएसपी ने गुरुवार की सुबह सीतारामडेरा थाना प्रभारी को मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसके बाद यह घटना हो गयी.
तिरपाल लगाया
दुकानें टूटने के बाद दुकानदारों का परिवार सड़क पर आ गया है. इन लोगों ने टूटी दुकानों के समक्ष तिरपाल लगा लिया. जिसे घटना की सूचना मिली, वह दुकानदारों से मिला. पीड़ितों का कहना है कि यदि कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे अनशन पर बैठेंगे.
उपायुक्त से मिले
तीनों दुकानदार जमशेदपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में शुक्रवार शाम उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल से मिले. उन्होंने मुन्ना खान समेत अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी व लूटा गया सामान बरामद करने की मांग की. डीसी ने प्रतिनिधिमंडल को कहा कि घटना के बाद से वह एसडीओ तथा एसएसपी से सूचना इकट्ठा कर रहे हैं. उन्होंने न्यायसंगत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में चैंबर के अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल, हरविंदर सिंह मंटू, गुरुशरण सिंह बक्शी आदि थे.