जमशेदपुर : राष्ट्रपति शासन में भी हालात उतने ही बुरे हैं, जितने अजरुन मुंडा सरकार के समय थे. राष्ट्रपति शासन में भी हत्याओं का दौर जारी है. यह बात झाविमो के प्रधान महासचिव व विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कही.
वे चाईबासा से लौटते समय परिसदन में प्रेस वार्ता में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में 17 नक्सली संगठन सक्रिय हैं, जिनके 2600 सदस्य हैं. पुलिस फोर्स 70 हजार है, इसके बावजूद कुछ नहीं हो पा रहा है. इसका कारण कुशल प्रशासक का नहीं होना है. जमशेदपुर में फिर हत्याएं हो रही हैं.
देवघर में बच्चियों के साथ रेप-हत्या की घटनाएं हुईं. कुछ ऐसी ही घटनाएं रांची में हुईं. दबाव बनाने पर देवघर घटना की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की गयी है. श्री यादव ने कहा कि सीबीआइ कितने केसों की जांच करेगी. अपनी पुलिस को चुस्त-दुरुस्त क्यों नहीं बनाया जा रहा है.
जमशेदपुर में पूर्व हुई हत्यायों को आरोपियों को सजा नहीं दिलायी गयी, जिसके कारण ऐसी घटनाएं फिर हो रही हैं. व्यवसायी की हत्या करने वालों की अविलंब गिरफ्तारी हो और फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर सजा दिलायी जाये.
बुद्धिजीवियों से मिलेंगे मरांडी
प्रदीप यादव ने कहा कि शहरी व ग्रामीण मतदाताओं की समस्या एवं उम्मीदें अलग हैं. पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी शहरी मतदाताओं को जानने के लिए हर शहर में कार्यक्रम कर रहे हैं. वे 4 जुलाई को डॉक्टर, वकील, शिक्षक, बुद्धिजीवियों के साथ माइकल जॉन प्रेक्षागृह में बैठक करेंगे, ताकि उनकी उम्मीद के अनुसार सरकार बन सके.