जमशेदपुर: टाटा स्टील के इएसएस प्राप्त कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों ने हक की मांग उठायी है. इसको लेकर 40 लोगों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा है.
इसमें मांग की गयी है कि वर्ष 1997 से 2000 दिसंबर तक के ग्रेड रिवीजन के अंतर की राशि दी जाये. इएसएस प्राप्त कर्मचारी अक्षय जीवन दास, ललन गिरि, सीताकांत पांडेय, एस झा, जयप्रकाश गोस्वामी समेत अन्य कर्मचारियों ने ज्ञापन में कहा है कि टाटा स्टील पहले वेज बोर्ड का सदस्य था. वहां जो भी वेज रिवीजन होता था, वह टाटा स्टील में लागू होता था. उसी आधार पर ग्रेड रिवीजन 1997 से लागू किया गया. यह समझौता 2001 में हुआ था.
ग्रेड रिवीजन का फायदा 1997 से मिलना चाहिए था, जैसा सेल में लागू किया गया. टाटा स्टील से जो भी कर्मचारी वर्ष 1997 से लेकर दिसंबर 2000 के बीच इएसएस और रिटायर्ड हुए हैं, उन्हें समय का अंतर का वेतन नहीं दिया गया. इएसएस स्कीम के तहत जो भी कर्मचारी बैठाये गये थे, उनको मैनेजमेंट की तरफ से कहा गया था कि जो भी वेज बोर्ड का फैसला होगा, वह सब वर्ष 1997 से जोड़कर दे दिया जायेगा. अगर कोई कर्मचारी 1997 से 2000 के बीच इएसएस लिया है, उन सबको फिटमेंट वर्ष 2001 में कर दिया गया, पर इसके अंतर का भुगतान नहीं किया गया.
क्या है इएसएस व रिटायर्ड कर्मचारियों की मांग
वर्ष 1997 से अब तक जो भी कर्मचारी बैठे हैं या रिटायर हुए हैं, उनका बकाया रह गया है. सिर्फ वेतनमान में ही नहीं बल्कि पीएफ, ग्रेच्यूटी, लीव इनकैशमेंट, टिस्को इंप्लाइज पेंशन स्कीम (जो एलआइसी के माध्यम से मिलता है) और फैमिली पेंशन स्कीम में ग्रेड फिटमेंट का फायदा नहीं मिल सका. कर्मचारियों ने बकाये वेतन का भुगतान करने का आग्रह किया है.