जमशेदपुर: दक्षिण पूर्व रेलवे की विजिलेंस टीम ने छापामारी के दौरान चक्रधरपुर डिवीजन में बिना एडजस्टमेंट किये आयरन ओर की ढुलाई का मामला पकड़ा है. ऐसे एक ही तरह के दो अलग-अलग मामले में भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड पर 56 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है तथा इस मामले में जुरूली और दुमित्र स्टेशन मास्टर की संदिग्ध भूमिका के लिए एक नोटिस जारी किया है. स्टेशन मास्टरों से नोटिस का जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. एडजस्टमेंट किये बगैर आयरन ओर की ढुलाई से रेलवे को सीधा राजस्व का नुकसान हुआ है.
गार्डेनरीच से आयी थी विजिलेंस की टीम : दपू रेलवे बिजिलेंस की टीम गार्डेनरीच कोलकाता से चक्रधरपुर डिवीजन में आयी थी जिसने आयरन ओर लोडिंग प्वाइंट बरसावां- लपंका सेक्शन तथा जुरूली-लापंका सेक्शन में जा रही दो माल गाड़ी को रोक कर जांच की. इस दौरान जुरूली और दुमित्र स्टेशन मास्टर के लॉग बुक समेत अन्य दस्तावेत की जांच की जिसके आधार पर गड़बड़ी पकड़ी.
कैसे पकड़ाया मामला
1. जानकारी के मुताबिक बरसावां लोडिंग प्वाइंट से भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड का आयरन ओर लोड कर ट्रेन लापंगा स्टेशन की ओर जा रही थी. इस दौरान बिजिलेंस टीम ने छापेमारी में बिना एडजस्टमेंट किया 44 बैगन पकड़ा तथा प्रति बैगन एक लाख रुपये के हिसाब से 44 लाख रुपये जुर्माना लगाया. एडजस्टमेंट में संबंधित स्टेशन मास्टर ने ढुलाई को पेन-पेपर में नॉर्मल बताया था, जबकि ओवर लोड(एडजेस्टमेंट) की इंट्री नहीं की थी. बिजिलेंस टीम ने रैक का बेवरेज(वजन) कराकर बिना एडजस्टमेंट वाले 44 बैगन माल पकड़ा.
2. दपू रेलवे विजिलेंस की टीम ने जुरूली से लापंगा स्टेशन की ओर जा रहे 12 बैगन आयरन ओर लदे गुड्स ट्रेन को औचक छापेमारी कर पकड़ा. यह आयरन ओर भी भूषण स्टील का था. इस बारे में भी संबंधित स्टेशन मास्टर ने ढुलाई को पेन-पेपर में नॉर्मल बताया था, जबकि ओवर लोड(एडजेस्टमेंट) की इंट्री नहीं की थी. बिलिजेंस टीम ने इस मामले में भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड पर प्रति बैगन एक लाख के हिसाब से 12 लाख रुपये जुर्माना लगाया है.
क्या है रेलवे का नियम
रेलवे में माल ढुलाई (फ्रेट) का नियम है कि सही वजन की इंट्री रेलवे लॉग बुक में अनिवार्य रूप से की जाती है, यदि माल ओवर लोड है, तो भी ओवर लोड संबंधित (एडजस्टमेंट) की इंट्री की जाती है. चूंकि ढुलाई में ओवर लोड की स्थिति में उसी हिसाब से मेनटेनेंस व सेफ्टी के लिए काम किया जाना होता है. स्टेशन मास्टर द्वारा ओवर लोड की इंट्री सही ढंग से नहीं करने से रेलवे को राजस्व का नुकसान होने के साथ रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त होने और समय पर मेंटेनेंस नहीं होने से गुड्स ट्रेनों के अलावा यात्री ट्रेनों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका बनी रहती है.