स्कूली बच्चों की वैन और ऑटो का बढ़ेगा किराया, घटेगा लोड, होगी मॉनीटरिंग

संदीप सावर्ण, जमशेदपुर : शहर के प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को ले जाने वाले स्कूली वैन व अॉटो का किराया बढ़ेगा. इसको नये सत्र से लागू कर दिया जायेगा. इसके लिए सभी स्कूलों में किराया निर्धारण कमेटी गठित की जायेगी, जो यह तय करेगा कि स्कूल व शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले प्रति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2020 8:08 AM
संदीप सावर्ण, जमशेदपुर : शहर के प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को ले जाने वाले स्कूली वैन व अॉटो का किराया बढ़ेगा. इसको नये सत्र से लागू कर दिया जायेगा. इसके लिए सभी स्कूलों में किराया निर्धारण कमेटी गठित की जायेगी, जो यह तय करेगा कि स्कूल व शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले प्रति बच्चे का क्या किराया हो.
इतना ही नहीं यह कमेटी यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी अॉटो या वैन में क्षमता से ज्यादा बच्चे ना बैठाये जाएं. कमेटी में फिलहाल शिक्षित बेरोजगार अॉटो चालक संचालक संघ के महासचिव श्याम किंकर झा, जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष बेली बोधनवाला व महासचिव बी. चंद्रशेखर शामिल किये गये हैं.
जल्द ही कमेटी में अभिभावकों के साथ ही अन्य सदस्यों को जोड़ कर इस दिशा में पहल की जायेगी. यह निर्णय शनिवार को डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल अॉडिटोरियम में हुई बैठक में लिया गया. बच्चों की सुरक्षा के िलए पहली बार अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन अौर अॉटो व वैन चालक एक प्लेटफॉर्म पर आये हैं.
अॉटो-वैन की जगह स्कूलों को बस परिचालन शुरू करने का है आदेश, साधा मौन
शहर के करीब 60 फीसदी निजी स्कूलों में स्कूल बस का परिचालन नहीं किया जाता है, जबकि सीबीएसइ व आइसीएसइ दोनों ही बोर्ड द्वारा मान्यता को लेकर यह भी शर्त रखा जाता है कि उन्हें बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल बस का परिचालन करना है.
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के रिट पिटीशन सिविल 13029/1985 अौर झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल द्वारा एक अगस्त 2011 को जारी किये गये आदेश के अनुसार निजी स्कूलों को बस का परिचालन करना है, लेकिन शहर के निजी स्कूलों द्वारा इसका उल्लंघन किया जा रहा है.
सुरक्षा मानक
गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट करवाना होगा. सीट क्षमता का उल्लंघन नहीं करना होगा.
इंश्योरेंस अवश्य करवाना होगा. एलपीजी से चलने वाले वैन का परिचालन बंद होगा.
छात्रों के स्कूल बैग को अॉटो व वैन के दोनों साइड नहीं लटकाना होगा.
शहर में स्कूल के िलए चल रहे हैं वाहन
4000
3200
शहर के प्राइवेट स्कूलों में अॉटो व वैन से स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने जाता है. अक्सर छुट्टियों के बाद स्कूली अॉटो व वैन में भेड़-बकरियों की तरह बच्चों को बैठाने जाने की तस्वीर सामने आती है. शहर में तीन बच्चों की जान अॉटो व वैन दुर्घटना में जा चुकी है. इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसको लेकर यह पहल की जा रही है.
बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक क्या करें
जिस अॉटो या फिर वैन में बच्चे स्कूल जाते हैं, उसकी क्षमता खुद देखना होगा.
क्षमता से ज्यादा बच्चे अगर वैन या फिर अॉटो वाले ढो रहे हैं, तो उसमें अपने बच्चे को स्कूल न भेजें.
उसी स्कूली वैन या फिर अॉटो में अपने बच्चे को स्कूल भेजें, जिसमें दोनों तरफ जाली लगी हो.
कई अॉटो चालक आपके बच्चे को ड्राइवर सीट की दायीं तरफ भी बैठा लेते हैं, अगर आपके बच्चे के साथ ऐसा होता है, तो इसका विरोध करें.
सुरक्षा बढ़ाने के नाम पर वैन या फिर अॉटो चालक किराया बढ़ायेंगे, लेकिन कुछ दिनों के बाद पहले वाली स्थिति हो जाती है, तो कमेटी में शिकायत करें.
ऐसे अॉटो या फिर वैन में बच्चे को कभी नहीं भेजें, जो जर्जर स्थिति में हो.
किस गाड़ी में कितने बच्चों को बैठाना होगा वैध
किस गाड़ी में कितने बच्चों को बैठाना होगा वैध
वाहन के प्रकार ड्राइवर समेत 12 साल से कम कितनी सीटर उम्र के बच्चों को बैठाने की क्षमता
मारुति अोमनी वैन 7 सीटर ड्राइवर समेत 9
टाटा विंगर 14 सीटर ड्राइवर समेत 19
अॉटो रिक्शा 5 सीटर ड्राइवर समेत 6
विक्रम अॉटो रिक्शा 7 सीटर ड्राइवर समेत 9
टाटा मैजिक 8 सीटर ड्राइवर समेत 10
टाटा आइरिश 5 सीटर ड्राइवर समेत 6
टाटा सूमो 10 सीटर ड्राइवर समेत 13
टोयोटा क्वालिस 8 सीटर ड्राइवर समेत 10
महिंद्रा मैक्सिमो 8 सीटर ड्राइवर समेत 10
टाटा वेंचर 8 सीटर ड्राइवर समेत 10

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