जमशेदपुर: गोलमुरी-टिनप्लेट एरिया में हुए सव्रे में पाया गया है कि रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर करीब 3000 मकान बनाये गये हैं. रेलवे की योजना सभी मकानों को हटाने की है.
इससे 10 हजार से अधिक आबादी प्रभावित होगी. बताया जाता है कि रेलवे की योजना है कि किसी भी तरह सभी मकानों को हटा दिया जाये. बताया जाता है कि देबुन बागान, विजय नगर, रामदेव बागान, नानक नगर के कई मकान इसके जद में आ सकते हैं. इन बस्तियों के लोग 60 साल से यहां बस चुके हैं. इस दौरान कोई कदम नहीं उठाया गया. अब रेलवे की नींद टूटी है.
टिनप्लेट का माल जाता था
टाटानगर स्टेशन से रेलवे लाइन टिनप्लेट तक बिछी है. पहले टिनप्लेट का माल ढुलाई रेलवे से होती थी. यह रेलवे लाइन सड़क के बीचो-बीच थी. इस कारण कई बार दुर्घटना में स्थानीय लोग मारे गये. इसके बाद रेल लाइन बंद कर दिया गया. बस्ती में कई थानेदारों के मकान भी
जिन क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाया जाना है, वहां कई थानेदारों के मकान भी हैं. सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में पदस्थापित थानेदारों ने भी वहां मकान बना रखा है. बड़ी कीमतों में लोगों ने यहां जमीन और मकान को बेचा है.
सिर्फ एक जमीन का निर्माण वैद्य
रेलवे की ओर से टिनप्लेट गोचक्कर पर सरदार बलबीर सिंह, अरविंदर कौर और जगजीत कौर को ही जमीन आवंटित की गयी है. इन लोगों की जमीन इस्ट प्लांट बस्ती के पास थी. टाटा स्टील के सुनसुनिया गेट से ट्रेन निकलती थी. ट्रेन के लिए रेलवे लाइन बिछाने के लिए उनकी जमीन ली गयी थी. उसके बदले उन्हें जमीन आवंटित की गयी और लीज पर जमीन दी गयी है.