जमशेदपुर : साइबर ठग के बैंक खाते से दो माह में 52 लाख का ट्रांजेक्शन

जमशेदपुर : अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के गिरफ्तार सदस्य राहुल मिश्रा के नामवाले खाते से महज दो माह में 52 लाख रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया गया है. ये रुपये ठगी के शिकार लोगों के हैं. अलग-अलग शहरों के कुल 72 लोगों से ठगे गये रुपये ट्रांसफर किये गये. बिष्टुपुर साइबर पुलिस की जांच […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 18, 2020 8:43 AM

जमशेदपुर : अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के गिरफ्तार सदस्य राहुल मिश्रा के नामवाले खाते से महज दो माह में 52 लाख रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया गया है. ये रुपये ठगी के शिकार लोगों के हैं. अलग-अलग शहरों के कुल 72 लोगों से ठगे गये रुपये ट्रांसफर किये गये. बिष्टुपुर साइबर पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि राहुल के खाते में रुपये आते ही एक मिनट से भी कम समय में उसकी निकासी की गयी या दूसरे खाते में ट्रांजेक्शन किया गया है. पुलिस ने राहुल का मोबाइल सीडीआर भी निकाल लिया है. उसने किससे और कब बात की है, इसका पूरा डिटेल पुलिस के पास आ गया है.

इधर, शुक्रवार को राहुल मिश्रा को 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. हालांकि, उसने ठगी के धंधे में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. वह बार-बार एक ही बात बोल रहा है कि महेश पोद्दार ने उसे कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के लिए रखा था. राहुल ने बताया है कि महेश ने नौकरी के नाम पर उसके सभी डॉक्यूमेंट्स ले लिये थे और बैंक में खाता खुलवाया था. जब पुलिस ने पूछा कि उसके खाते से 50 लाख रुपये से अधिक की रकम का ट्रांजेक्शन हुआ, तो उसे इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई? इस पर राहुल ने कहा कि खाता से उसका मोबाइल नंबर लिंक नहीं था, इसलिए उसे इसकी जानकारी नहीं थी. महेश पोद्दार के अकाउंट से करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन की बात सामने आ रही है. पुलिस ने उसके पेटीएम अकाउंट को भी फ्रीज करा दिया है. उसे रिमांड पर लेने के लिए शनिवार को आवेदन दिया जायेगा.

एक जून से शुरू हुआ ट्रांजेक्शन : राहुल के नाम से आइसीआइसीआइ बैंक में खाता है. उसके नाम से खोले गये खाते में एक जून 2019 से ट्रांजेक्शन शुरू हुआ. अक्तूबर और नवंबर माह में सबसे अधिक करीब 38 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. 12वीं पास राहुल निजी कंपनी में ठेकेदारी में काम करता था. उसके पूर्व मानगो स्थित कॉल सेंटर में काम करने के दौरान महेश पोद्दार से उसकी दोस्ती हुई थी. मामले में चार आरोपी महेश पोद्दार, राहुल मिश्रा, धीरज शर्मा और राकेश महतो गिरफ्तार हो चुके हैं.

पुरुलिया लॉज में रह रहा था महेश पोद्दार : पुलिस को गिरोह की जानकारी होने के पहले तक महेश पोद्दार मुंबई में रह रहा था. महेश को जब इसकी जानकारी हुई कि पुलिस मोबाइल लोकेशन से उसकी तलाश कर रही है, तो वह मुंबई से पटना, रक्सौल होते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में आकर एक लॉज में रहने लगा. परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में उसने गुरुवार को शहर पहुंच कर सीधे कोर्ट में जाकर सरेंडर किया था.

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