डीबी कसार होंगे दक्षिण पूर्व रेलवे के नये आइजी

जमशेदपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे के आरपीएफ आइजी एससी पाढ़ी का तबादला कर दिया गया है. पाढ़ी ने मई 2018 में ही जोन में पीसीएससी का प्रभार लिया था. समय से पूर्व उनका तबादला किये जाने के पीछे डीजी अरुण कुमार की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति को ही बड़ा कारण बताया जा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2020 3:42 AM

जमशेदपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे के आरपीएफ आइजी एससी पाढ़ी का तबादला कर दिया गया है. पाढ़ी ने मई 2018 में ही जोन में पीसीएससी का प्रभार लिया था. समय से पूर्व उनका तबादला किये जाने के पीछे डीजी अरुण कुमार की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति को ही बड़ा कारण बताया जा रहा है. गुरुवार को रेलवे बोर्ड स्तर पर जारी की गयी तबादला सूची में आरपीएफ में आइजी और डीआइजी रैंक के आठ अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है.

इसमें पीसीएससी (प्रिंसिपल मुख्य सुरक्षा आयुक्त) एससी पाढ़ी का नाम भी शामिल है. उनके स्थान पर डीबी कसार को दक्षिण पूर्व रेलवे का नया पीसीएससी (प्रिंसिपल मुख्य सुरक्षा आयुक्त) बनाया गया है. कसार फिलहाल साउथ वेर्स्टन रेलवे के पीसीएससी हैं. चक्रधरपुर के सीनियर कमांडेंट डीके मोर्या का भी तबादला कर दिया गया है. उन्हें सीनियर कमांडेंट 6 बटालियन आरपीएसएफ में भेजा गया है. उनकी जगह ओंकार सिंह की पोस्टिंग की गयी है.
8-9 जनवरी को झारसुगुड़ा में मालगाड़ी वैगन से 288 बैग चावल उतारे जाने और स्थानीय रेल पुलिस द्वारा उसे जब्त किये जाने पर आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने नाराजगी जतायी थी. घटनास्थल से मात्र 200 मीटर की दूरी पर आरपीएफ पोस्ट और बैरक होने के बावजूद आरपीएफ को इसकी जानकारी नहीं मिल सकी थी.
जीआरपीएफ के चावल जब्त करने के बाद आरपीएफ ओसी एलके दास ने मामले में मंडल मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी. इससे पूर्व झारसगुड़ा में दो बड़ी चोरियों के बावजूद स्थानीय प्रभारी पर कार्रवाई कार्रवाई नहीं होने और तीसरी फिर एक बड़ी घटना को लेकर आरपीएफ डीजी ने आईजी को कड़ी फटकार लगायी थी.
इसके बाद आईजी के निर्देश पर झारसुगुड़ा प्रभारी एलके दास को 16 जनवरी को निलंबित कर दिया था. इससे पूर्व झारसुगुड़ा में रेलवे पटरी और ओएचई तार चोरी की दो बड़ी वारदात हो चुकी है.
चोरियों को लेकर रेलवे बोर्ड की आइवीजी (इंटरनल विजिलेंस ग्रुप) की टीम ने बंडामुंडा और झारसुगुड़ा आदि का गोपनीय निरीक्षण किया था. बताया जाता है कि आइजी एससी पाढ़ी द्वारा प्रभार लेने के बाद किये गये तबादला-पोस्टिंग में प्रांत व जाति को आधार बनाने की शिकायत भी डीजी स्तर तक पहुंचायी गयी थी.
झारसुगुड़ा में चावल चोरी की घटना के बाद से ही बाद से यह माना जा रहा था कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाले डीजी अरुण कुमार कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. इसका नतीजा आरपीएफ आइजी एससी पाढ़ी के समय से पूर्व किये गये तबादले के रूप में सामने आया है. एससी पाढ़ी को चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स भेजा गया है.

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