निष्ठा व श्रमवान व्यक्ति होते हैं सफल

जमशेदपुर : साकची अग्रसेन भवन में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन शुकदेव प्रसंग हुआ. कथावाचक वृंदावन के आचार्य राजेंद्र महाराज ने कहा कि जब धरती पर अत्याचार बढ़ने लगता है, संस्कृति का ह्रास होने लगता है, तब भगवान किसी-न-किसी रूप में अवतरित होते हैं. वे सभी जीवों के कल्याण के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 2, 2019 7:48 AM

जमशेदपुर : साकची अग्रसेन भवन में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन शुकदेव प्रसंग हुआ. कथावाचक वृंदावन के आचार्य राजेंद्र महाराज ने कहा कि जब धरती पर अत्याचार बढ़ने लगता है, संस्कृति का ह्रास होने लगता है, तब भगवान किसी-न-किसी रूप में अवतरित होते हैं. वे सभी जीवों के कल्याण के लिए आते हैं. उन्होंने संत शुकदेव का उदाहरण दिया.

कहा कि संत शुकदेव स्वयं आकर राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाकर उनका उद्धार करते हैं. साथ ही जगत को गीता ग्रंथ से अवगत कराते हैं. कथावाचक ने कहा कि जिस व्यक्ति की वाणी रसपूर्ण हो, कर्म क्रिया श्रमवान हो, लक्ष्मी दानवती हो और धर्म में निष्ठा हो, उस व्यक्ति का जीवन सफल होता है.
पर्यावरण संरक्षण का संदेश: कथा के दौरान पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया. श्रद्धालुओं के बीच तुलसी पौधा का वितरण किया गया. गुलाबी साड़ी में आयी महिलाओं ने भजन पर नृत्य कर राधा रानी को याद किया.
दीपक अग्रवाल, नंदकिशोर अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल, रतन अग्रवाल और विनोद खंडेलवाल यजमान के रूप में कथा में शरीक हुए.पारुल चेतानी, निशा सिंघल, प्रीति कांवटिया, प्रीति झाझरिया, सरोज बंसल व अन्य मौजूद रहीं. एक मई को नंदोत्सव के दौरान झांकियां आकर्षण का केन्द्र होंगी.

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