जमशेदपुर के बाजारों में नहीं बने स्लाटर हाउस, खुले में बिक रहे हैं चिकन व मटन

जमशेदपुर : शहर के बाजारों में व्यवस्थित तरीके से चिकन-मटन बिक्री करने के लिए आधुनिक वधशाला (स्लाटर हाउस) बनाने की योजना धरातल पर नहीं उतर पायी है, जिसके कारण खुले में चिकन-मटन की बिक्री हो रही है. नगर विकास विभाग द्वारा जमशेदपुर के छह बाजारों साकची, बिष्टुपुर, बारीडीह, कदमा, सिदगोड़ा अौर आजादनगर समेत पूरे राज्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 7, 2019 7:41 AM
जमशेदपुर : शहर के बाजारों में व्यवस्थित तरीके से चिकन-मटन बिक्री करने के लिए आधुनिक वधशाला (स्लाटर हाउस) बनाने की योजना धरातल पर नहीं उतर पायी है, जिसके कारण खुले में चिकन-मटन की बिक्री हो रही है.
नगर विकास विभाग द्वारा जमशेदपुर के छह बाजारों साकची, बिष्टुपुर, बारीडीह, कदमा, सिदगोड़ा अौर आजादनगर समेत पूरे राज्य के 30 बाजारों में व्यवस्थित तरीके से चिकन-मटन की बिक्री के लिए आधुनिक वधशाला (स्लाटर हाउस) बनाने की योजना बनायी थी.
इसके लिए झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (जुडको) द्वारा जिला प्रशासन से 23-23 डिसमिल जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था. जुडको के पत्र के आलोक में जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी ने गत वर्ष अल्प लागत वाली आधुनिक वधशाला के निर्माण के लिए शहर के सात बाजारों में स्थल चिह्नित कर रिपोर्ट भेजी थी.
रिपोर्ट में बताया गया था कि सात में से पांच स्थान मांस-मछली के स्टॉल के लिए आवंटित हैं तथा दो स्थान पूर्व में बीफ के लिए आवंटित किया गया था, जो राज्य में प्रतिबंध के बाद से बंद है.
रिपोर्ट में बताया गया था कि चिह्नित जमीन को टाटा स्टील द्वारा मांस-मछली के विक्रय के लिए आवंटित किया गया था अौर चिह्नित जमीन आधुनिक वधशाला के निर्माण के लिए उपयुक्त है तथा सभी जमीन जमशेदपुर अक्षेस अधीन आने वाले सैरात में अवस्थित हैं, इस लिए एनअोसी की जरूरत नहीं है.
स्थल चिह्नित होने के एक साल बाद भी योजना धरातल पर उतर नहीं पायी है, जिसके कारण खुले में चिकन-मटन की बिक्री हो रही है अौर स्वच्छता पर ग्रहण लग रहा है.
आजादनगर में 60 करोड़ की लागत से आधुनिक स्लाटर हाउस बनाने की थी योजना : नगर विकास विभाग के निर्देश पर आजादनगर में 60 करोड़ की लागत से आधुनिक स्लाटर हाउस बनाने की योजना बनायी गयी थी, जिसका डीपीआर भी तैयार कर लिया गया था.
स्लाटर हाउस में चिकित्सीय जांच के बाद आधुनिक तरीके से मुर्गा, खस्सी काट कर पूरे शहर में चिकन-मटन आपूर्ति करने की योजना थी, लेकिन यह योजना भी धरातल पर नहीं उतर सकी.

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