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उपेंद्र सिंह हत्याकांड का आरोपी हरीश पटना से गिरफ्तार

जमशेदपुर/पटना : जिला पुलिस की टीम ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह के सहयोगी हरीश सिंह को पटना एसटीएफ की मदद से वहां के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र स्थित एलटीसी घाट के पास मौजूद गंगोत्री अपार्टमेंट से गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. उसे सुबह करीब सवा छह बजे पकड़ा गया. 30 नवंबर 2016 को सीतारामडेरा कोर्ट परिसर में […]

जमशेदपुर/पटना : जिला पुलिस की टीम ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह के सहयोगी हरीश सिंह को पटना एसटीएफ की मदद से वहां के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र स्थित एलटीसी घाट के पास मौजूद गंगोत्री अपार्टमेंट से गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. उसे सुबह करीब सवा छह बजे पकड़ा गया. 30 नवंबर 2016 को सीतारामडेरा कोर्ट परिसर में हुए झामुमो नेता उपेंद्र सिंह हत्याकांड में फरार हरीश पटना में रेहान नाम से अपनी पत्नी और एक बेटी के साथ किराये पर रह रहा था.

पुलिस टीम हरीश को लेकर गुरुवार शाम शहर पहुंची. उसके पास से तीन मोबाइल फोन और एक स्कॉपियो को जब्त किया गया है. स्कॉपियो को पुलिस ने पाटलिपुत्र थाना में रखा है. स्कॉपियो पर रांची का नंबर अंकित है. हरीश कुमार सिंह
उर्फ छोटू सिंह मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिलांतर्गत नसरत का रहने वाला है. जमशेदपुर में वह बाराद्वारी के नार्थ काशीडीह में रहता था.
मामले की जानकारी एसएसपी अनूप बिरथरे ने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी. पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश गैंग के सदस्य हरीश सिंह को पकड़ना पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. अब गैंग के कई नये राज का पता पुलिस को चलेगा. हरीश की सूचना मिलने पर पिछले दो दिनों से पुलिस टीम कैंप कर रही थी.
एसएसपी ने हरीश को पकड़ने के लिए सीसीआर डीएसपी सुधीर कुमार और उलीडीह थानेदार मुकेश चौधरी को पटना भेजा. वहां एसटीएफ के सहयोग से जिला पुलिस की टीम ने हरीश सिंह को पकड़ा. प्रेस कांफ्रेंस में सिटी एसपी प्रभात कुमार, डीएसपी केएन मिश्रा और सीतारामडेरा थाना प्रभारी भी मौजूद थे.
हरीश पर कुल 12 मामले है दर्ज
एसएसपी ने बताया कि हरीश सिंह पर कुल 12 मामले दर्ज हैं. वर्ष 2017 में एमजीएम पुलिस ने आशियाना के एक फ्लैट में छापेमारी कर कई दस्तावेज को जब्त किया था, पर हरीश घटनास्थल से फरार हो गया था. पुलिस ने हरीश की कार जब्त की थी. इस बाबत एमजीएम थाना में मामला दर्ज है. इसके अलावा 30 नवंबर 16 को कोर्ट में उपेंद्र सिंह की हत्या समेत कई मामले दर्ज हैं. इसके पूर्व 2013 में उपेंद्र के कहने पर ही रामसकल यादव की हत्या का भी आरोप उस पर है. वर्ष 2008 में बिहार के आरा से शहर आते समय हरीश हथियार के साथ पकड़ा गया था. इस संबंध में आजादनगर थाना में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है.
बर्मामाइंस थाना में चार अप्रैल 08 को लूटकांड का मामला भी दर्ज है. साकची ठाकुरबाड़ी में अमलेश सिंह का भाई बनकर हरीश सिंह ने विभाष पासवान के साथ मिलकर व्यापारी से रंगदारी मांगी थी. इस संबंध में 15 सितंबर 11 को मामला हुआ था. इसी तरह 31 जनवरी 11 को रंगदारी नहीं देने पर फायरिंग, साकची में सात अगस्त 14 को फायरिंग, 2008 में चोरी समेत कई मामले दर्ज हैं. सीतारामडेरा में भी आर्म्स एक्ट का एक मामला दर्ज है.
वेश बदले में एक्सपर्ट है हरीश
कोर्ट परिसर में उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए हरीश सिंह स्थान बदलने के साथ-साथ वेशभूषा भी बदलता रहता था. वेश बदलने के कारण पुलिस उस तक पहुंच नहीं पा रही थी. पुलिस के मुताबिक हरीश सिंह ने दूसरे समुदाय की युवती से शादी की है. पटना में हरीश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम ने उसकी पत्नी को पूछताछ के बाद छोड़ दिया.
पुलिस टीम को प्रशस्ति देकर किया सम्मानित
अखिलेश गैंग के सक्रिय सहयोगी हरीश सिंह को गिरफ्तार करने वाली टीम के सदस्य डीएसपी सीसीआर सुधीर कुमार और उलीडीह थानेदार मुकेश चौधरी को नकद बीस-बीस हजार रुपये का पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

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