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गुरमुख सिंह मुखे ने संयोजक हरनेक पर बोला हमला, कहा-संविधान को तहस-नहस कर दिया
जमशेदपुर : सीजीपीसी चुनाव के दाैरान रविवार काे स्क्रूटनी में साजिश का आरोप लगाने वाले प्रधान पद के प्रत्याशी गुरमुख सिंह मुखे का अनशन दूसरे दिन साेमवार काे भी सीजीपीसी कार्यालय के समक्ष जारी रहा. गुरमुख सिंह ने कहा कि सीजीपीसी चुनाव समिति की हठधर्मिता आैर साजिश का वह पूरजाेर विराेध करेंगे. इधर, जिला प्रशासन […]
जमशेदपुर : सीजीपीसी चुनाव के दाैरान रविवार काे स्क्रूटनी में साजिश का आरोप लगाने वाले प्रधान पद के प्रत्याशी गुरमुख सिंह मुखे का अनशन दूसरे दिन साेमवार काे भी सीजीपीसी कार्यालय के समक्ष जारी रहा.
गुरमुख सिंह ने कहा कि सीजीपीसी चुनाव समिति की हठधर्मिता आैर साजिश का वह पूरजाेर विराेध करेंगे. इधर, जिला प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं किये जाने के बाद गुरमुख सिंह मुखे ने मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठने की घाेषणा कर दी है.
गुरमुख सिंह मुखे ने उपायुक्त, एसडीआे, एसएसपी, थाना प्रभारी आदि को पत्र के माध्यम से यह जानकारी दे दी है. प्रशासन की ओर से सीजीपीसी कार्यालय के समक्ष दंडाधिकारी समेत पुलिस बल की तैनाती की गयी है. साेमवार काे कई लाेगाें ने मुखे काे समर्थन दिया. स्थल पर साेमवार काे सामूहिक अरदास कर सिख इतिहास काे कलंकित करने वालाें के खिलाफ आंदाेलन में शामिल होने की अपील की गयी.
सीजीपीसी चुनाव के प्रत्याशी गुरमुख सिंह मुखे ने कहा कि चुनाव समिति के स्वयंभू संयाेजक हरनेक सिंह समाज में सबसे विवादित व्यक्ति रहे हैं. उन्हें जाे वक्त गुरु के ध्यान में लगाना चाहिए, वह समय लाेगाें काे लड़ाने में व्यतीत कर रहे हैं. संविधान की रक्षा आैर ईमानदारी पूर्ण चुनाव करने की दुहाई देने वाले हरनेक सिंह ने खुद संविधान काे तहस-नहस करके रख दिया है.
धार्मिक स्क्रूटनी का अधिकार अकाली दल काे है, लेकिन वह खुद समाज के धार्मिक प्रमुख भी बन बैठे. इसके पूर्व उन्हाेंने साेनारी, टुइलाडुंगरी, टिनप्लेट, बारीडीह समेत कई अन्य गुरुद्वाराें में चुनाव के दौरान विवाद बढ़ाने का काम किया. मुखे ने आरोप लगाया कि हरनेक सिंह ने चुनावी प्रक्रिया काे गलत ढंग से शुरू किया.
बावजूद उन्हाेंने इस बार इसलिए समझाैता कर लिया कि काेई यह नहीं कहे कि हर बार मुखे ही विराेध करता है. तीन गुुरुद्वाराें काे चुनाव से बाहर किया, जबकि समय रहते उनका विवाद सीजीपीसी सुलझा सकता था. स्त्री सत्संग सभा काे भी चुनावी प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. हरनेक सिंह ने 35-38 मतदाताआें की सूची काट दी, जाे उनके समर्थक थे. इसके बाद 150 लाेगाें की वाेटर लिस्ट तैयार की. इस पर भी उन्हाेंने अपनी सहमति प्रदान करते हुए हस्ताक्षर कर दिया. वह दावेदार-प्रत्याशी थे, तभी उनके बारे में इतनी पूछताछ की जा रही थी.
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