जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवाएं देने वाले चिकित्सक ने दोबारा एमजीएम में योगदान से इनकार कर दिया. गुरुवार काे इसका खुलासा हुआ. मानगो निवासी सुखदेव राम की मौत के मामले में निलंबित किये गये एमजीएम के सर्जरी विभाग के डॉ एमके सिन्हा ने निलंबन मुक्त होने की स्थिति में जमशेदपुर में योगदान देने से मना कर दिया. संबंधित मामले में कार्रवाई का सामना कर रहे डॉ सिन्हा व डॉ लक्ष्मण हांसदा ने झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के समक्ष अपना-अपना पक्ष रखा है. इसमें कहा गया है कि पूरे मामले में उन्हें बेवजह फंसाया गया है.
फिलहाल यह दोनों चिकित्सक मुख्यालय में योगदान दे रहे हैं. माना जा रहा है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी को देखते हुए इन दोनों चिकित्सकों को जल्द ही निलंबन मुक्त कर दिया जायेगा. डॉ सिन्हा ने अपने बयान में कहा कि एमजीएम अस्पताल में चिकित्सकों के बीच गंदी राजनीति चल रही है.
यही कारण है कि काम करने वाले लोगों को फंसाने की लगातार साजिश होती है. श्री सिन्हा ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर विभाग उन्हें निलंबन मुक्त करता है, तो वह फिर एमजीएम में योगदान नहीं देंगे. वह लिखित रूप से विभाग से अाग्रह करेंगे कि उन्हें रिम्स अथवा धनबाद में पदस्थापित किया जाये. ज्ञात हो कि डॉ सिन्हा व डॉ हांसदा पर कार्रवाई के बाद एमजीएम अस्पताल में होने वाली सर्जरी पर असर पड़ा है.
मानगो निवासी सुखदेव राम की मौत के मामले में फंसे एमजएम के दो चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग में रखा पक्ष
दोनों चिकित्सकों के मामले पर विचार कर रहा विभाग, अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से सर्जरी प्रभावित
हमने अपना पक्ष विभाग के समक्ष रख दिया है. एमजीएम में चिकित्सकों के बीच गंदी राजनीति का खेल चल रहा है. मैं वापस एमजीएम अस्पताल में योगदान नहीं करना चाहता.
डॉ एमके सिन्हा, निलंबित चिकित्सक, एमजीएम अस्पताल
मैने अपने ऊपर लगे आरोप का लिखित रूप से जवाब विभाग को सौंप दिया है. निलंबन मुक्त करने का फैसला पर स्वास्थ्य विभाग को लेना है.
डॉ एल हांसदा, निलंबित चिकित्सक, एमजीएम अस्पताल