जमशेदपुर : शहर की एक फाइनेंस कंपनी और बैंक से 40 लाख से अधिक की कार फाइनेंस करा उसे फर्जी तरीके से दूसरों को बेचने का मामला सोमवार की शाम को सामने आया. जालसाजी करने वाले बारीडीह विजया गार्डेन निवासी दिव्यांशु शेखर को फाइनांस कंपनी के पदाधिकारियों की मदद से कार खरीदने वाले ग्राहकों ने जाल बिछाकर बिष्टुपुर से पकड़ लिया. दिव्यांशु शेखर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का काम करता है. हंगामे की खबर मिलने पर बिष्टुपुर पुलिस भी पहुंची और जालसाजी के आराेपी को पकड़कर थाने ले आयी.
थाने में फाइनांस कंपनी और जिन्हें गाड़ी बेची गयी है, उनके साथ दिव्यांशु ने आपसी समझौता कर लिया. समझौता होने पर पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की. क्या है मामला : जानकारी के मुताबिक दिव्यांशु शेखर ने पहली कार सात माह पहले बिष्टुपुर के एक शोरूम से खरीदी थी. उसने कार चोला मंडलम कंपनी से फाइनेंस करायी थी और हर माह किश्त भी दे रहा था, लेकिन फाइनेंस गाड़ी की ऑनरबुक में बैंक फाइनेंस का नाम (एचपी) गलत तरीके से हटवा कर अपनी पत्नी के नाम पर फर्जी ऑनरबुक बनवायी.
इसके बाद दिव्यांशु ने कार को आदित्युपर एस टाइप निवासी अवि को साढ़े नौ लाख रुपये में बेच दिया. नाम ट्रांसफर नहीं होने पर अवि को पता चला कि उसे फाइनेंस की कार बेची गयी है. हालांकि दिव्यांशु ने अवि को कार ट्रांसफर करा देने का भरोसा दिलाकर कुछ माह गुजार दिये. वहीं दिव्यांशु ने विजया बैंक से तीन कारें छह माह पूर्व फाइनेंस करायी. इसमें से एक कार को उसने साउथ पार्क निवासी चंदन कुमार को साढ़े पांच लाख रुपये में बेच दिया. चंदन कुमार एक सेल्समेन के जरिये दिव्यांशु तक पहुंचा.
चंदन कुमार और दिव्यांशु के बीच एक सेल लेटर बना था. इसके अलावा फाइनांस वाली ऑनर बुक चंदन को दी थी, लेकिन नाम ट्राॅसफर नहीं होने पर वह कार को नहीं चला रहे थे. चंदन पिछले कई माह से दिव्यांशु पर कार वापस लेकर रुपये लौटने का दबाव बना रहा था, लेकिन दिव्यांशु उसे टाल रहा था.