नक्सल, दुर्गम इलाके में आधारभूत संरचना का निर्माण अब भी है चुनौती
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629 गांवों को बिजली देने में अब तक फेल है विभाग
नक्सल, दुर्गम इलाके में आधारभूत संरचना का निर्माण अब भी है चुनौती जमशेदपुर : कोल्हान के 629 गांवों में आज भी बिजली आपूर्ति का कोई इंतजाम नहीं है. आजादी के बाद अब तक यहां दिन के उजाले में ग्रामीण रुटिन कामकाज कर पा रहे हैं. वहीं दशकों से अलग-अलग नामों से ग्रामीण विद्युतीकरण की योजना […]
जमशेदपुर : कोल्हान के 629 गांवों में आज भी बिजली आपूर्ति का कोई इंतजाम नहीं है. आजादी के बाद अब तक यहां दिन के उजाले में ग्रामीण रुटिन कामकाज कर पा रहे हैं. वहीं दशकों से अलग-अलग नामों से ग्रामीण विद्युतीकरण की योजना बनायी अौर कार्यान्वयन करने का दावा किया जा रहा है. पहले राजीव गांधी विद्युतीकरण से छूटे हुए गांवों को कवर किया गया है, वर्ष 2014 के बाद 2017 तक दीनदलाय ग्रामीण विद्युतीकरण अौर अब प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना से छूटे हुए लोगों को बिजली कनेक्शन देने का काम किया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक कोल्हान के पश्चिम सिंहभूम अौर सरायकेला-खरसावां में अधिकांश छूटे हुए ग्रामीण इलाके हैं. बिजली विभाग के फरवरी 2018 के एक आंकड़े के मुताबिक पश्चिम सिंहभूम में सारंडा के गुदड़ी के 40, बंदगांव 30, गोइलकेरा 1, सोनुआ 10, मनोहनपुर 1, खूंटपानी 4, कुचाई 6 अौर सरायकेला खरसावां के चांडिल के 4 गांव में ग्रामीण विद्युतीकरण के आरंभिक काम शुरू किया गया है. हालांकि इन जिले व राज्य की सीमा से सटे पड़ाव, जंगल व नदी के सटे हुए नक्सल प्रभावित, खासकर दुर्गम इलाके में आधारभूत संरचना का निर्माण अब भी चुनौती है. इस कारण सरकारी प्रोजेक्ट का बुरा हाल है.
सारंडा के अंदर गुदड़ी समेत अन्य सुदूर व दूरगम गांवों में जल्द एक-एक घर में ग्रामीण विद्युतीकरण का काम पूरा किया जायेगा.
अमरनाथ मिश्रा, विद्युत जीएम, जमशेदपुर
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