जमशेदपुर: टाटा स्टील के कर्मचारियों के वेज रिवीजन समझौता पर पदाधिकारियों (कंपनी के सारे ऑफिसर) की भी नजरें टिकी हुई है. कर्मचारियों के बाद ऑफिसरों के भी वेतन बढ़ने की कवायद चल रही है.
उसी आधार पर इसमें भी बढ़ोतरी होगी. हालांकि वेज रिवीजन समझौता को लेकर अनिश्चितता का माहौल उत्पन्न हो गया है. यूनियन मैनेजमेंट पर सारा ठिकरा फोड़ रही है, लेकिन यूनियन के पदाधिकारी रांची की दौड़ लगाने में व्यस्त है. अध्यक्ष पीएन सिंह और महामंत्री बीके डिंडा सोमवार को भी झारखंड हाइकोर्ट में होने वाली सुनवाई और श्रम विभाग के फैसले को लेकर रांची पहुंच गये. दिन में यूनियन में रहे, लेकिन शाम में रांची चले गये, जहां मंगलवार को सुनवाई होने वाली है. दूसरी ओर, जर्मनी की टूर की भी तैयारी है. टाटा स्टील के एमडी भी 7 अप्रैल से छुट्टी पर जाने वाले हैं. इसको लेकर कर्मचारियों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. वेज रिवीजन मई माह में भी होगा या नहीं, इसको लेकर संदेह की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है.
मई माह में समझौता होने पर भी संकट !
अगर एमडी छुट्टी पर गये तो एक माह की उनकी छुट्टी बतायी जा रही है. 16 से 23 मई तक यूनियन पदाधिकारियों का जर्मनी का दौरा भी होने वाला है. इसमें शामिल होने अगर वे लोग नहीं भी गये तो भी समझौता हो पायेगा या नहीं, इसको लेकर संदेह है
समझौते के बाद जायें जर्मनी
विपक्ष के नेता अश्विनी माथन, सरोज पांडेय और अन्य लोगों ने कहा है कि भारत में जो समझौता हुआ है वेज रिवीजन का, उसको आधार बनाकर बात करने में शायद यूनियन पदाधिकारी अक्षम रहे हैं. लिहाजा, अब वे लोग जर्मनी से टिप्स लेने जा रहे हैं. जर्मनी जाने में कोई गुरेज नहीं है, लेकिन अगर समझौता करने के बाद टूर पर जाते तो निश्चित तौर पर सारे कर्मचारी खुश होते तथा उन्हें कर्मचारियों का सहयोग मिलता.