आदित्यपुर: औद्योगिक क्षेत्र के फेज सात प्लॉट एनएस-48 के आवंटी बागबेड़ा काली मंदिर के पास स्थित जगदीशपुर रोड निवासी कृष्णा कुमार शुरू से ही आयडा को अंधेरे में रखने का काम किया है. कृष्णा के प्लॉट को आयडा ने पूर्व में रद्द करने की पहल की थी, क्योंकि प्लॉट आवंटन के सात-आठ माह बाद भी प्रोडक्शन शुरू नहीं हुआ था. उसके बाद आनन-फानन में कार्य शुरू करने के बाद आयडा शांत हो गया, लेकिन उसके बाद आयडा ने कभी आवंटित प्लॉट पर क्या तैयार हो रहा है, उस पर ध्यान नहीं दिया.
2005 में हुआ था आवंटन : मिली जानकारी के अनुसार कृष्णा को उक्त प्लॉट कृष्णा प्रोजेक्ट के नाम से 4.8.2005 में 2500 वर्ग फीट आवंटित की गयी थी. जिसमें मशीनिंग इन फैब्रिकेशन का जॉब करने की बात कही गयी थी. साथ ही कहा गया था कि छह लोगों को रोजगार मिलेगा.
2006 में फर्म का नाम बदल लिया था : कृष्णा ने वर्ष 2006 में कृष्णा प्रोजेक्ट का नाम बदलकर विजय लक्ष्मी इंटरप्राइजेज कर लिया था. जिसकी जानकारी आयडा को थी. लेकिन काफी दिनों तक काम शुरू नहीं किया जाने के कारण 5.7.06 को प्लॉट आवंटन रद्द करने की पहल हुई थी.
व्यवसाय में पार्टनर बनाने के लिए दिया था आवेदन : कृष्णा ने 29.5.12 को व्यवसाय में पार्टनर बनाने के लिए आयडा को आवेदन दिया था, लेकिन उसके आवेदन को स्वीकृति नहीं दी गयी थी. उसके बाद भी कृष्णा ने जयदेव बेरा को अपना पार्टनर बना लिया. साथ ही आयडा को अंधेरे में रखते हुए कंपनी का नाम विजय लक्ष्मी इंटरप्राइजेज को बदलकर श्रीकृष्णा इंटरप्राइजेज के नाम से कारोबार शुरू कर दिया.
जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश : आयडा एमडी युगल किशोर चौबे ने उक्त प्लॉट की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. जिसमें उपविकास पदाधिकारी एचएन सिंह, उद्योग विस्तार पदाधिकारी सुरेश तिर्की व एकरामुल हक शामिल हैं. इन्हें दो दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.