एमडी, एमएस में दाखिले के लिए मांगी जा रही 5 से 20 लाख रुपये

जमशेदपुर : राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की ओर से चिकित्सा में स्नातकोत्तर कोर्स में दाखिले के लिए जनवरी में आयोजित की गयी एनइइटी पीजी की परीक्षा के निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गये हैं. परीक्षा में शामिल होने वाले करीब दो दर्जन से अधिक डॉक्टरों को फोन कर प्रवेश परीक्षा के जरिये एमएस, एमडी कोर्स के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2018 5:35 AM

जमशेदपुर : राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की ओर से चिकित्सा में स्नातकोत्तर कोर्स में दाखिले के लिए जनवरी में आयोजित की गयी एनइइटी पीजी की परीक्षा के निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गये हैं. परीक्षा में शामिल होने वाले करीब दो दर्जन से अधिक डॉक्टरों को फोन कर प्रवेश परीक्षा के जरिये एमएस, एमडी कोर्स के नामांकन में अपना रैंक बढ़ाने के लिए पांच लाख से बीस लाख तक की रिश्वत देने की मांग की जा रही है. कहा जा रहा है कि अगर रैंक बढ़ गये तो सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल जायेगा.

उम्मीदवारों को फाेन करने से लेकर एसएमएस व वाट्सएप तक के जरिये संपर्क किया जा रहा. फोन करने वाले लोग अपने को दिल्ली के एनइइटी कार्यालय के कर्मचारी बता रहे हैं. परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों का भरोसा जीतने के लिए परीक्षा से जुड़ी कई गोपनीय जानकारियां भी उपलब्ध करा रहेे हैं. रिश्वत की रकम देने के लिए कई उम्मीदवारों को बकायदा अलग-अलग बैंकों के अकाउंट नंबर भी भेजे गये हैं.
इस मामले में आइएमए जमशेदपुर शाखा के सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमित कुमार तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मोबाइल पर संबंधित जानकारी भेजकर एफआइआर दर्ज कराने का आग्रह किया है.
उपायुक्त ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया
उपायुक्त अमित कुमार ने आइएमए की शिकायत को बेहद गंभीरता से लिया है. उन्होंने चिकित्सकों को भरोसा दिया है कि वह तत्काल वरीय पुलिस अधीक्षक से संबंधित मामले पर वार्ता कर एफआइआर दर्ज कराने का आग्रह कर रहे हैं. उपायुक्त ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले में एनइइटी को पत्र लिखेंगे.
उम्मीदवारों से फोन, एसएमएस व वाट्सएप से किया जा रहा संपर्क
पैसा पेमेंट करने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है अलग-अलग बैंकों का अकांउट नंबर
दो दर्जन से अधिक डॉक्टरों से किया गया संपर्क, आइएमए सचिव ने डीसी से की शिकायत
सबूत के ताैर पर बातचीत का ऑडियो, मैसेज का ब्यौरा एसएसपी को उपलब्ध कराया
उपायुक्त ने कहा, मामला बेहद गंभीर, तत्काल एफआइआर दर्ज कर जांच कराने की दे रहें निर्देश
कोर्स में नामांकन के लिए रिश्वत मांगने की किसी तरह की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. कोई भी पीड़ित सामने आता है, तो पुलिस मामले की जांच कर कार्रवाई करेगी.
प्रभात कुमार, सिटी एसपी.

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