जमशेदपुर : सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत की गयी कार्रवाई का असर पूर्वी सिंहभूम की नौ खदानों पर भी पड़ा है. इन खदान मालिकों पर लगभग 47 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया था. सभी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत तत्काल राशि जमा करानी थी. राशि नहीं चुकाने पर कॉपर, पैरोक्सनाइट, काइनाइट, क्वार्टजाइट, सोप स्टोन, क्वार्टजाइट, गोल्ड समेत अन्य खदानें बंद हो गयी है. माइंस संचालकों से कहा गया है कि पेनाल्टी जमा कराने तक खदानों का संचालन नहीं किया जा सकता. खदानों के बंद होने से कई मजदूर बेकार हो गये है.
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नौ खदानें बंद, कई मजदूर बेरोजगार
जमशेदपुर : सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत की गयी कार्रवाई का असर पूर्वी सिंहभूम की नौ खदानों पर भी पड़ा है. इन खदान मालिकों पर लगभग 47 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया था. सभी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत तत्काल राशि जमा करानी थी. राशि नहीं चुकाने पर कॉपर, पैरोक्सनाइट, […]
यूसिल पर भी हर्जाना, लेकिन संचालन नहीं रुकेगा. यूरेनियम काॅरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसिल) पर भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जुर्माना किया गया है. हालांकि सुरक्षा कारणों से यहां उत्पादन पर रोक नहीं लगायी गयी है.
एचसीएल पर भी हर्जाना. हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) पर भी हर्जाना लगाया गया है लेकिन एचसीएल ने खनन पदाधिकारी को लिखकर दिया है कि कानून की समीक्षा की जा रही है. इसके बाद ही किसी तरह का कोई फैसला लिया जा सकता है.
खदान व लगाया गया जुर्माना
माइंस मालिक मौजा माइंस एरिया (हे. में) राशि (रु. में)
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड सुरदा, बंसोल, सोहदा कॉपर 388.68 435377799
शेखर सिंह हतनाथबेदा व चांदपुर पैरॉक्सनाइट 16.01 15,71,392
खिरोद मोदी गम्हराकोचा पैरॉक्सनाइट 34.75 5796274
प्रभात कुमार आदित्यदेव मटकू पैरॉक्सनाइट 70.92 3576755
जेएसएमडीसी ज्योति पहाड़ी काइनाइट 50.25 5091569
डगलस डायस दामुडीह क्वार्टजाइट 18.846 1046408
निखिल कुमार डे बुरुहातू सोप स्टोन 23.809 841343
भारत माइनिंग खेर क्वार्टजाइट 5.88 2335547
मनमोहन मिनरल केंदरुकोचा गोल्ड 19.50 9118746.52
अधिकांश खदानें पहले से बंद. अधिकांश खदानें पहले से ही बंद है. यूसिल को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. एचसीएल की सुरदा माइंस चल रही है, अन्य खदानें बंद है.
वेंकटेश कुमार, खनन पदाधिकारी
हम लोग बेकार हो गये है, क्या करेंगे. बुधवा उरांव ने कहा कि हम बेकार हो चुके है. काम तक नहीं मिल रहा है. अब क्या करेंगे और कहां जायेंगे, यह समझ नहीं आ रहा है. हमारी मुश्किलें बढ़ चुकी है.
बेरोजगारी को बढ़ावा देने वाला फैसला : करुणा हेम्ब्रम ने बताया कि अगर खदानें बंद हो जायेंगी तो वह क्या करेंगे. खदानों को चालू किया जाना चाहिए. जो बकाया है, उसकी वसूली के लिए जरूरी प्रयास होने चाहिए.
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