जमशेदपुर के लोग अगर अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर तत्काल तंबाकू के सेवन से नहीं बचते हैं, तो यह कैंसर का बड़ा केंद्र बन सकता है. वैश्विक स्तर पर तंबाकू सेवन की जो चुनौतियां हंै, उससे जमशेदपुर पूरी तरह समान है.
कैंसर मरीजों की बढ़ रही संख्या (एमटीएमएच के आंकड़ों) से स्पष्ट है. 2011-12 में 21646 मरीज ओपीडी में आये, जबकि इंडोर में 7266. इनमें से 276 ओरल कैंसर के मरीज मिले. जिनमें 218 पुरुष और 58 महिलाएं थी. वहीं 2010-2011 में ओपीडी में 22525 और इंडोर में 6690 मरीज आये. इनमें 327 मरीज ओरल कैंसर से पीडि़त मिले, जिसमें 215 पुरुष व 112 महिलाएं शामिल थीं.
सालाना 6.5 की दर से जुड़ रहे हैं नये मरीज
जमशेदपुरः मौजूदा दौर में महिलाएं सर्वाधिक तनाव झेलती हैं और यह मानती हैं कि तंबाकू का सेवन उन्हें तनाव से बचा सकता है. वहीं, शहर का आठ साल का बच्चा भी तंबाकू का सेवन कर रहा है. यह घातक स्थिति है. सालाना 6.5 की दर से नये मरीज जुड़ रहे हैं. ये बातें जमशेदपुर डेंटल रिसर्च हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्रबंध निदेशक डॉ मो. जाफर ने गुरुवार को ताज बिल्डिंग, आम बागान में आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं.
उन्होंने कहा तंबाकू कंपनियां अपने उत्पाद की बिक्री बढ़ाने के लिए कई साधनों का प्रयोग कर रही हैं. फ्री सैंपल, कीमतों में कमी कर, युवाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित कर उत्पादों की ब्रांडिंग कर रही हैं. नतीजतन हमारा देश ओरल कैंसर कैपिटल ऑफ वर्ल्ड बन चुका है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इंडियन डेंटल एसोसिएशन और वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम ने सरकार को तंबाकू तथा इससे बने उत्पादों के प्रचार पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की है. आइडीए भी इस संबंध में झारखंड के राज्यपाल को मांगपत्र सौंपेगा.
साकची, मानगो शाखा में चिकित्सा शिविर आज
31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे पर अस्पताल प्रबंधन साकची और मानगो शाखाओं में चिकित्सा शिविर आयोजित कर रहा है. इसमें तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों से लोगों को अवगत कराया जायेगा. सुबह 10 से शाम पांच बजे के बीच दंत चिकित्सक तंबाकू से होने वाली दंत संबंधी समस्याएं बतायेंगे.
गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी होता है तंबाकू का असर
जमशेदपुरः नशा की आदत पुरुषों के साथ-साथ अब महिलाओं में भी देखने को मिल रही है. खासकर युवा पीढ़ी के लिए तंबाकू सेवन फैशन का जरिया बन चुका है. यह फैशन धीरे-धीरे आदत में तब्दील हो रही है. महिलाओं में दिन-प्रतिदिन खैनी, तंबाकू, सिगरेट ,बीड़ी, गुटखा आदि के सेवन की लत बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के अनुसार निम्न वर्ग की महिलाएं खासतौर पर नशीली चीजों का सेवन करती है. शादी के बाद अगर कोई भी महिला नशीली चीजों का सेवन करती है और गर्भवती होने के बाद भी उसे जारी रखती है तो मां के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक व जानलेवा हो सकता है.