जमशेदपुर: टाटा समूह की तकनीकी काम को देखने वाली टाटा टेक्नोलॉजी में फरजी तौर पर 38 कर्मचारियों को बहाल कर लेने का मामला सामने आया है. ये सभी बहाली दो साल के भीतर 2013-2014 में की गयी है. इन सभी बहाली में दो ऑफिसरों और एक कर्मचारी का नाम सामने आया है, जिन्हें तत्काल प्रभाव से कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया है.
प्रबंधन की ओर से महाराष्ट्र स्थित टाटा टेक्नोलॉजी के मुख्यालय पुणे स्थित हिंजेवाड़ी थाना में एक मुकदमा भी एचआर अधिकारी व दो अन्य के खिलाफ दायर कराया गया है. इस मामले के सामने आने के बाद मुख्यालय के स्तर पर सभी बहाल 38 कर्मचारियों को कंपनी से अलग करने का नोटिस भी दे दिया गया है. इसमें से अधिकांश जमशेदपुर में नियुक्त हैं. जमशेदपुर में टाटा टेक्नोलॉजी का एक कार्यालय टाटा मोटर्स के क्षेत्र में और एक अन्य कार्यालय साकची गरमनाला क्षेत्र में है.
फर्जी तौर पर बहाल किये गये 38 कर्मचारियों की बहाली में लेन-देन की बात सामने आयी है. बताया जाता है कि विजलेंस विभाग द्वारा इसकी गुप्त रुप से जांच की गयी थी, जिसमें यह पता लगाया गया था कि जो बहाली हुई है, वह सही नहीं हैं. विजिलेंस विभाग की जांच में मामले को सही पाया गया था. बताया जाता है कि टाटा टेक्नोलॉजी के एचआर विभाग के बड़े अधिकारी की मिलीभगत होने के कारण बड़ी संख्या में बहाली कर दी गयी और इसका पता प्रबंधन को काफी बाद में चल सका.