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टाटा स्टील में आया आकर्षक वीआरएस

जमशेदपुर : टाटा स्टील की ओर से अब तक की सबसे बड़ी और आकर्षक वोलंेटरी सेपरेशन स्कीम (वीएसएस) स्कीम लायी गयी है. सुनहरे भविष्य की योजना 2 के नाम से यह वीएसएस स्कीम लाया गया है. इस योजना को 20 दिसंबर 2017 से 28 फरवरी 2018 तक के लिए लागू किया गया है. इसमें लंबे […]

जमशेदपुर : टाटा स्टील की ओर से अब तक की सबसे बड़ी और आकर्षक वोलंेटरी सेपरेशन स्कीम (वीएसएस) स्कीम लायी गयी है. सुनहरे भविष्य की योजना 2 के नाम से यह वीएसएस स्कीम लाया गया है. इस योजना को 20 दिसंबर 2017 से 28 फरवरी 2018 तक के लिए लागू किया गया है. इसमें लंबे समय तक लाभ होने की गारंटी है, लेकिन तत्कालिक फायदा भी दिया गया है.

बुधवार 20 दिसंबर से इसे लागू कर दिया जायेगा. तीन तरह के लाभ इसके माध्यम से दिये गये है. इसके तहत कर्मचारियों को 75 साल तक वर्तमान में मिलने वाले बेसिक व डीए का वेतन मिलने का भी स्कीम है. इसकी जानकारी रूसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस में आयोजित अनौपचारिक पत्रकार वार्ता में वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने दी. उनके साथ एचआरएम विभाग के संदीप धीर, जुबीन पालिया और काॅरपोरेट कम्यूनिकेशन के हेड सिद्धार्थ बरतोमोली समेत अन्य लोग मौजूद थे.

सुरेश दत्त त्रिपाठी ने बताया कि नयी स्कीम में तीन तरह के स्कीम है, जो भी कर्मचारी को जरूरत होगी, उसका लाभ लोग ले सकते है. संवाददाता सम्मेलन में इस दौरान स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. इस स्कीम की खास बात यह है कि कर्मचारी वीआरएस के तहत नौकरी छोड़ भी दे तो बच्चों को नौकरी मिल सकती है. बेहतर ग्रेड में उनकी सीधी बहाली हो सकती है. कर्मचारी पुत्र के अलावा बहु भी नौकरी का आवेदन कर सकती है.

काम करने में पिछड़ रहे कर्मियों को मौका : त्रिपाठी
वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने बताया कि वीआरएस की स्कीम कितने लोगों को दी जायेगी, यह नहीं कहा जा सकता है, लेकिन जो योग्य और स्किल मैनपावर है, उसको यह मौका नहीं दिया जायेगा. इस स्कीम का लाभ वैसे कर्मचारी ही उठा पायेंगे , जो काम नहीं कर पा रहे हैं. मेडिकली अनफिट हैं या अपने आपको सिस्टम के अनुसार अपग्रेड नहीं कर पा रहे हैं. इसके लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं होगी.
किन्नरों की होगी बहाली
टाटा स्टील ने महिलाओं और पुरुषों के बाद किन्नरों की भी बहाली करने जा रही है. यह जानकारी टाटा स्टील के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने दी. वर्तमान में स्थायी मजदूर के तौर पर पांच किन्नर काम कर रहे हैं. ठेका मजदूरों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है. उनको भी योग्य बनाया जा रहा है.

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