जमशेदपुर : नवनियुक्त प्राचार्यों की ओर से कहा जा रहा है कि कोल्हान विवि में पदस्थापित कुछ पदाधिकारियों की जिद के कारण कॉलेजों को अब तक स्थायी प्राचार्य नहीं मिले सके. पहले दस्तावेज जांच के नाम पर देरी की गयी. फिर अपनी अधिसूचना के जरिये नवनियुक्त प्राचार्यों में संशय पैदा करने का प्रयास किया गया. झारखंड के दूसरे विवि में एक तरफ जहां तीन से पांच साल का ग्रहणाधिकार स्वीकृत किया गया. वहीं कोल्हान विवि एक वर्ष से अधिक का ग्रहणाधिकार नहीं दे रहा.
अधिसूचना में वेतनमान का उल्लेख नहीं किया गया है. एक वर्ष के प्रोबेशन पीरियड का जिक्र करते हुए नवनियुक्त प्राचार्यों को आशंकित किया गया है. विवि अपनी जवाबदेही तक उठाने के लिए तैयार नहीं हो रहा. वेतन निर्धारण से लेकर पे प्रोटेक्शन एवं पेंशन के मुद्दे को उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के माथे पर डालकर नवनियुक्त प्राचार्यों को भयभीत करने का प्रयास किया जा रहा है.