इसमें अल्ट्रासाउंड सेंटरों की हर मानक पर जांच की जाये आैर सही केंद्र का ही नवीनीकरण हो. बीते साल जिले में भ्रूण जांच व हत्या की आशंका का लेकर नेशनल इंस्पेक्शन एंड मॉनिटरिंग कमेटी ने टीम अल्ट्रासाउंड केंद्रों की औचक निरीक्षण की थी. जिसमें कई गड़बड़ियां मिलने पर तीन अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सील कर दिया गया था.
दरअसल पिछले कुछ वर्षों में जिले में बालिकाओं की संख्या में तेजी से कमी आयी है. फिलहाल 1000 लड़के की तुलना में मात्र 923 लड़कियां हैं. बाल लिंगानुपात में कमी आने के लिए लिंग जांच में बढ़ती प्रगति को जिम्मेदार माना जा रहा है. जिले में कुल 132 अल्ट्रासाउंड सेंटर है जिसमें आधे से अधिक केंद्र में फॉर्म नहीं भरा जाता.