काली पूजा कल, दीपावली 19 कोजमशेदपुर . कार्तिक मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत बुधवार, 18 अक्तूबर की रात्रि 11:39 बजे से हो रही है. इस कारण मध्य रात्रि व्यापणि अमावस्या तिथि बुधवार को ही मिल रहा है. इसलिए महाकाली पूजा बुधवार को होगी. महाकाली की पूजा के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त रात्रि 11:39 से 12:27 बजे तक है. कहने का मतलब यह कि इस अवधि में पूजन कार्य शुरू हो जाना चाहिए. समाप्ति बाद में भी हो सकती है. उन्नीस को है दीपावली इसी दिन श्री हनुमान जन्मोत्सव, नरक चतुर्थी और यम दीप दान भी मनाये जायेंगे. अगले दिन यानी गुरुवार, 19 अक्टूबर को दीपावली, श्रीलक्ष्मी-गणेश और कुबेर पूजा भी होगी. वैसे तो इनकी पूजा प्रदोष काल अथवा स्थिर लग्न में शुभ मानी जाती है. स्थानीय समय के मुताबिक प्रदोष काल संध्या 5:12 से 7:43 बजे, स्थिर लग्न (वृषभ लग्न) संध्या 6:45 से 8:43 बजे और सिंह लग्न रात्रि 1:12 से 3:24 बजे तक है. इन अवधि में पूजा की जा सकती है. पूजन सामग्री श्रीलक्ष्मी-गणेश की तस्वीर अथवा प्रतिमा, श्रीयंत्र, रोली, मौली, पान, सुपाड़ी, दूर्वा दल अक्षत, धूप-दीप, मिट्टी का दीपक, तिल का तेल, धान का लावा, बताशा, संभव हो तो दक्षिणावर्ती शंख, घंटी, पीसा हुआ चंदन, जल पात्र, कलश, दूध, दही, मधु, गुड़, गौ घृत, गंगा जल, सिंदूर, नैवेद्य, इत्र, जनेऊ, कमल पुष्प, पुष्पों की माला, कुमकुम, वस्त्र, आसन, ऋतु फल, कर्पूर, नारियल, इलायची आदिपूजन विधि दीपावली के दिन प्रदोष काल से पहले स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूर्व की ओर मुंह करके बैठ जायें. सामने चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर लाल रंग से रंगे चावल से अष्ट दल का निर्माण करें. माता लक्ष्मी एवं गणपति देव की तस्वीर अथवा प्रतिमा को स्थापित कर उनका सविधि पूजन करना चाहिए. सबसे पहले जल छिड़क कर पूजन सामग्री को पवित्र कर लें. चौकी के दायीं ओर घी का दीपक जलाएं. स्वाति वचन, गणपति देव का आह्वान करें. गणपति देव की प्रतिष्ठा, पूजन, महालक्ष्मी का आह्वान एवं पूजन. पंचामृत से स्नान, शुद्ध जल से स्नान, क्रमश: वस्त्र, इत्र, जनेऊ, रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, दूर्वा दल, सिंदूर, धूप, दीप, नैवेद्य, पान-सुपाड़ी, नारियल, ऋतु फल, द्रव्य (दक्षिणा) से सविधि पूजन करें. पूजा के बाद आरती, क्षमा प्रार्थना करें.
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काली पूजा कल, दीपावली 19 को
काली पूजा कल, दीपावली 19 कोजमशेदपुर . कार्तिक मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत बुधवार, 18 अक्तूबर की रात्रि 11:39 बजे से हो रही है. इस कारण मध्य रात्रि व्यापणि अमावस्या तिथि बुधवार को ही मिल रहा है. इसलिए महाकाली पूजा बुधवार को होगी. महाकाली की पूजा के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त रात्रि 11:39 से 12:27 […]
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