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गाड़ी खरीदने के बहाने बागबेड़ा पहुंचा समस्तीपुर का आतंक डब्ल्यू झा गिरफ्तार

गाड़ी खरीदने के बहाने बागबेड़ा पहुंचा समस्तीपुर का आतंक डब्ल्यू झा गिरफ्तार-चालक के जरिये रात में लड़गाटेकरी में शिव कुमार राय के घर में ठहरा था, बिहार पुलिस ने दबाेचा बिहार एसटीएफ ने बागबेड़ा पुलिस की मदद सेवरीय संवाददाता 4 जमशेदपुरबिहार के समस्तीपुर का आतंक शातिर अपराधी डब्ल्यू झा को बिहार एसटीएफ ने बागबेड़ा पुलिस […]

गाड़ी खरीदने के बहाने बागबेड़ा पहुंचा समस्तीपुर का आतंक डब्ल्यू झा गिरफ्तार-चालक के जरिये रात में लड़गाटेकरी में शिव कुमार राय के घर में ठहरा था, बिहार पुलिस ने दबाेचा बिहार एसटीएफ ने बागबेड़ा पुलिस की मदद सेवरीय संवाददाता 4 जमशेदपुरबिहार के समस्तीपुर का आतंक शातिर अपराधी डब्ल्यू झा को बिहार एसटीएफ ने बागबेड़ा पुलिस की मदद से सोमवार की रात गिरफ्तार किया है. दो दर्जन से अधिक हत्या व रंगदारी के मामले में समस्तीपुर पुलिस को उसकी तलाश थी. बिहार से उसके मोबाइल फोन के लोकेशन के आधार पर पीछा करते हुए पुलिस बागबेड़ा पहुंची. डब्ल्यू झा बागबेड़ा के लंगड़ाटेकरी में शिव कुमार राय के घर में रुका हुआ था. पुलिस की टीम उसे पकड़कर समस्तीपुर ले गयी है. डब्ल्यू झा की गिरफ्तार की पुष्टि एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने की है. उन्होंने बताया कि बिहार में उसपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है. ——-16 अक्तूबर की शाम को पहुंचा था शहरपुलिस के मुताबिक डब्ल्यू झा 16 अक्तूबर की शाम चार बजे बागबेड़ा पहुंचा था. शिव कुमार राय के ड्राइवर से डब्ल्यू झा का पुराना परिचय था. चालक ने शिव कुमार राय से डब्ल्यू झा का परिचय एक व्यापारी के रूप में कराया था. चालक ने बताया था कि डब्ल्यू झा उनकी गाड़ी खरीदने आया है. वह रात में होटल में जाकर ठहरने वाला था, लेकिन मानवता के नाते शिव कुमार राय ने उसे घर में सोने की अनुमति दे दी. इधर, शिव कुमार राय का चालक गाड़ी लोड करने के लिए चला गया. रात ढाई बजे के बाद बिहार की पुलिस टीम पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. डेढ़ दशक के आपराधिक जीवन में दूसरी बार चढ़ा पुलिस के हत्थेअपराधी डब्ल्यू झा अपने डेढ़ दशक के आपराधिक जीवन में दूसरी बार पुलिस की गिरफ्त में आया है. जानकारी के मुताबिक पहली बार गिरफ्तारी के बाद 2002 में जेल से बाहर आने के बाद डब्ल्यू झा ने रोसड़ा में टेंडर मैनेज करने वाला ग्रुप ज्वाइन किया था. 2009 में कुंदन सिंह के समर्पण के बाद पहली बार इसकी महत्वाकांक्षा उड़ान भरने लगी. अब वह अपने पुराने ग्रुप को छोड़ कर पप्पू चौधरी के साथ मिलकर ताबड़तोड़ घटनाओं को अंजाम देने लगा तथा पुलिस के लिए चुनौती बन गया. कुछ माह पूर्व झारखंड में हुए एक हाई प्रोफाइल हत्या में भी शक की सूई उसकी ओर घूमी थी. उसके बाद से ही डब्ल्यू और पप्पू एसटीएफ के टारगेट में सबसे ऊपर था.दो दर्जन हत्याओं में थी पुलिस को तलाशशातिर डब्ल्यू झा की समस्तीपुर के अलावा सीमावर्ती बेगूसराय जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में करीब दो दर्जन हत्याओं में पुलिस को लंबे अरसे से तलाश थी. पहली बार डब्ल्यू झा का नाम राजद जिला उपाध्यक्ष अखिलेश राय की हत्या में अप्राथमिकी अभियुक्त के रूप में चर्चा में आया था. इसके बाद रुपौली के एक शिक्षक, दुग्ध व्यवसायी प्रमोद राय, फतेहा के अरविंद चौधरी, जगजीत झा की हत्या में इसके हाथ होने की बात पुलिस फाइलों में दर्ज है. भाजपा नेता पूर्व पार्षद वीरेंद्र झा उर्फ फन्नू झा की हत्या के अलावा उनके पुत्र की इस वर्ष पटना में हुई हत्या में भी डब्ल्यू झा का नाम जोर शोर से सामने आया था.

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