जांच के क्रम में पाया गया कि इस परीक्षा में कुल 216 छात्राअों ने परीक्षा दी थी, जिसमें सिर्फ 92 छात्राएं ही पास हो सकी. अन्य सभी छात्राएं फेल हो गयी. बैठक के दौरान पाया गया कि इस परीक्षा में कुल 145 अंकों के सवाल पूछे गये थे, जबकि पूर्णांक 80 थे. परीक्षा को पास करने के लिए 36 अंक अनिवार्य थे, लेकिन जांच के क्रम में पाया गया कि परीक्षा में पूछे गये कुल 145 अंकों के सवाल में 52 नंबर के प्रश्न मिस प्रिंट थे. इससे छात्राअों को सवालों के जवाब देने के लिए काफी कम विकल्प मिले. इसी वजह से छात्राएं अधिकांश सवालों को चाह कर भी हल नहीं कर सकी.
इतना ही नहीं, कॉलेज प्रबंधन ने उन छात्राअों को भी मौका देने का निर्णय लिया है, जो परीक्षा तो भले पा कर गयी हों, लेकिन उन्हें लगता है कि शायद उन्हें कम अंक हासिल हुए हैं, इस तरह की छात्राएं भी इस परीक्षा में शामिल हो सकती है. परीक्षा विभाग द्वारा यह साफ कर दिया गया है कि इस तरह की छात्राएं अगर परीक्षा देती हैं, तो पूर्व में हासिल अंक मान्य नहीं होंगे. आने वाले दिनों में होने वाली परीक्षा मे हासिल अंक ही मान्य होगा. इस परीक्षा के लिए कॉलेज प्रबंधन छात्राअों से किसी प्रकार का कोई फीस नहीं लेगा. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर दुबारा होने वाली परीक्षा में भी किसी छात्रा को कोई गड़बड़ी नजर आये या किसी प्रकार की कोई शिकायत हो, तो वे परीक्षा वाले दिन ही अपनी शिकायत को रजिस्टर्ड कर सकते हैं. परीक्षा संबंधी गड़बड़ियों को दूर करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया. बैठक की अध्यक्षता प्रभारी प्रिंसिपल डॉ पूर्णिमा कुमार ने की.