भारत में खनिज संपदा का इस्तेमाल किस तरह से किया जा सकता है और कहां से यह संपदा मिल सकता है, इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी मांगी गयी है. स्लरी पाइप लाइन, इनलैंड वाटर के जरिये किस तरह से ट्रांस्पोर्टेशन किया जा सकता है. कुल लॉजिस्टिक पर कितना खर्च होना है. रेल व रोड के जरिये किस तरह से माल की आवाजाही में दिक्कत होगी, इसके बारे में भी इस टास्क फोर्स को रिपोर्ट समर्पित करने को कहा गया है. इस कमेटी को यह अधिकृत किया गया है कि अगर इस टीम के अलावा भी किसी को सदस्य बनाने की जरूरत पड़ेगी तो वह शामिल किया जा सकता है. इसके लिए स्टीयरिंग कमेटी को तत्काल काम करने और दो माह में फिर से इस कमेटी का रिव्यू करने की प्रक्रिया तय की गयी है. कमेटी में चीफ प्लानिंग, मैनेजर आइटी, हेड प्लानिंग समेत अन्य स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है.
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टाटा स्टील कंपनी ने गठित की टास्क फोर्स, कमेटी में कई वरीय अधिकारी शामिल, 2022 तक 19 मिलियन टन उत्पादन की तैयारी
जमशेदपुर : टाटा स्टील भारत में वर्ष 2022 तक 19 मिलियन टन (एमटी) का प्रोडक्शन करेगी. इसको लेकर टाटा स्टील के प्रेसिडेंट टीक्यूएम स्टील आनंद सेन ने एक आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि कंपनी चाहती है कि 19 मिलियन टन तक का प्रोडक्शन किया जाये. इसकी नयी संभावनाओं को तलाशने के […]
जमशेदपुर : टाटा स्टील भारत में वर्ष 2022 तक 19 मिलियन टन (एमटी) का प्रोडक्शन करेगी. इसको लेकर टाटा स्टील के प्रेसिडेंट टीक्यूएम स्टील आनंद सेन ने एक आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि कंपनी चाहती है कि 19 मिलियन टन तक का प्रोडक्शन किया जाये. इसकी नयी संभावनाओं को तलाशने के लिए कंपनी की ओर से एक टास्क फोर्स भी बनाया गया है.
कंपनी के समक्ष कौन सी चुनौतियां हैं और अवसर क्या-क्या हैं, इसके बारे में जानकारी मांगी गयी है. यह टीम टाटा स्टील के जमशेदपुर, कलिंगानगर और तारापुर समेत अन्य इलाके में किस तरह का प्रोडक्शन कर सकती है और कैसे इस तरह का प्रोडक्शन किया जा सकता है, इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी मांगेगी. भारत के टीयर दो व तीन शहर में उपभोक्ताओं की क्या स्थिति है और भारत में क्या डिमांड है, उसकी भी संभावनाओं को यह टीम तलाशेगी.
भारत में खनिज संपदा का इस्तेमाल किस तरह से किया जा सकता है और कहां से यह संपदा मिल सकता है, इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी मांगी गयी है. स्लरी पाइप लाइन, इनलैंड वाटर के जरिये किस तरह से ट्रांस्पोर्टेशन किया जा सकता है. कुल लॉजिस्टिक पर कितना खर्च होना है. रेल व रोड के जरिये किस तरह से माल की आवाजाही में दिक्कत होगी, इसके बारे में भी इस टास्क फोर्स को रिपोर्ट समर्पित करने को कहा गया है. इस कमेटी को यह अधिकृत किया गया है कि अगर इस टीम के अलावा भी किसी को सदस्य बनाने की जरूरत पड़ेगी तो वह शामिल किया जा सकता है. इसके लिए स्टीयरिंग कमेटी को तत्काल काम करने और दो माह में फिर से इस कमेटी का रिव्यू करने की प्रक्रिया तय की गयी है. कमेटी में चीफ प्लानिंग, मैनेजर आइटी, हेड प्लानिंग समेत अन्य स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है.
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