बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है. अभी तक बाहर से 962 रुपये की दवा खरीद चुके हैं. बाहर में खाना खा रहे हैं. उसमें भी पैसा लग रहा है. कुछ सामान (बर्तन) बंधक रख कर गांव के ही एक दुकानदार से चार हजार रुपये कर्ज लिया था. उसी से दवा करा रहे हैं. जैसे-जैसे पैसा खर्च हो रहा है, चिंता बढ़ती जा रही है. पूरा पैसा खर्च होने के बाद कहां से पैसा लायेंगे. स्कूल के लोगों ने कहा था कि इलाज में सब पैसा हम लोग देंगे लेकिन जब से भरती हुआ उसके बाद से कोई देखने तक नहीं आया. घर में दो बेटी व मेरी मां रहती है. प्रशांत मेरा एकलौता लड़का है.
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खोखली चिकित्सा सेवा: बर्तन बंधक रख बेटे का इलाज, अबतक 1000 खर्च
जमशेदपुर. ईचागढ़ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चिमटिया में मंगलवार को गरम दाल रखे बर्तन में गिर कर घायल छात्र प्रशांत राय (6) बुरी तरह झुलस गया है. उसका इलाज एमजीएम के बर्न वार्ड में चल रहा है. डॉक्टरों के अनुसार वह 30 प्रतिशत जल गया है. छात्र के पिता गणेश सिंह ने बताया कि […]
जमशेदपुर. ईचागढ़ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चिमटिया में मंगलवार को गरम दाल रखे बर्तन में गिर कर घायल छात्र प्रशांत राय (6) बुरी तरह झुलस गया है. उसका इलाज एमजीएम के बर्न वार्ड में चल रहा है. डॉक्टरों के अनुसार वह 30 प्रतिशत जल गया है. छात्र के पिता गणेश सिंह ने बताया कि प्रशांत को भरती करने के दौरान स्कूल के लोग आये थे. उसके बाद कोई देखने नहीं आया. हम खेती कर किसी तरह परिवार चलाते हैं. अस्पताल में स्लाइन के अलावा कोई दवा नहीं मिल रही है.
मरहम भी नहीं है अस्पताल में
अस्पताल में दवाओं की कमी के कारण प्रशांत के परिजनों द्वारा बाहर से दवा लेकर आना पड़ रहा है. अभी तक उसके परिजन 962 रुपये की दवा बाहर से खरीद चुके हैं. यहां तक कि अस्पताल में मरहम भी नहीं है. इसके अलावा परिजनों ने लिविप्लस, कारवोस, सूफकेट-ओ, प्रोटीन पाउडर की खरीदारी की. इस संबंध में बर्न यूनिट के एचओडी ने बताया कि अस्पताल में एंटीबायोटिक, स्लाइन सहित अन्य दवा है. मलरम नहीं है जिसको मंगाया गया है.
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