जिले में 87 उप स्वास्थ्य केंद्रों को एलवन श्रेणी में लाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें से 78 हो चुका है अौर उसमें संस्थागत प्रसव शुरू हो चुके हैं. शेष नौ में नहीं हो सका है, जहां संस्थागत प्रसव शुरू किया जायेगा. उपायुक्त ने सभी एएनएम की प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए पूर्व के स्थान पर भेजने का निर्देश दिया है. फैमिली प्लानिंग की स्थिति जिले में बहुत बुरी पायी गयी, इसमें सहिया की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया.
एक से 15 सितंबर तक विशेष अभियान चला कर कुपोषित बच्चों का सर्वेक्षण करने तथा उसकी सूची तैयार कर एमटीसी में भेजने का निर्देश दिया. वैसी सभी आंगनबाड़ी सेविका जिन्होंने अपने घर में शौचालय नहीं बनवाया है, उन्हें अंतिम मौका देते हुए 10 सितंबर तक बनवा लेने का निर्देश दिया. बैठक में सिविल सर्जन डॉ केसी मुंडा, एनइपी की निदेशक रंजना मिश्रा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी लक्ष्मी भारती, सभी एमअोवाइसी, सीडीपीअो अौर महिला सुपरवाइजर मौजूद थीं.