जमशेदपुर: कोर्ट से डिग्री मिलने के बाद जुगसलाई पुलिस ने नया बाजार स्थित धर्मशाला भवन परिसर से पांच भाड़ेदारों को खाली कराया. होटल, व्यापारी दीपक भालोटिया का कार्यालय व अन्य लोगों के कमरों को खाली कराया गया. इस मौके पर कोर्ट के नाजिर मौजूद थे. खाली कराने से पूर्व पुलिस को स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए रामजी राय के होटल के सामानों को बाहर निकाल दिया.
धनबाद निवासी स्व शिव रत्न सारस्वत के बेटे सीताराम सारस्वत ने बताया कि उनके पिता दो भाई थे. उनके पिता बड़े भाई को देखरेख का जिम्मा देने के बाद धनबाद चले गये थे. इस बीच बड़े भाई ने पिता की प्रोपर्टी पर कब्जा कर लिया. इसे लेकर 1995 में कोर्ट में केस हुआ. जिसका फैसला वर्ष 11 में उनके फेवर में हुआ. डिग्री पर स्टे के लिए जिला जज में अर्जी दी गयी थी, जिसे जिला जज ने खारिज कर दिया. इसके बाद नाजिर की मदद से वह जुगसलाई धर्मशाला में किरायेदारों को खाली कराने पहुंचे. धर्मशाला में पांच भाड़ेदार हैं.
‘‘दो भाइयों का जमीन विवाद है. मेरा वहां कार्यालय है. कोई भी मालिक आये, उन्हें भाड़ा देने से मतलब है. उनका कार्यालय किसी ने खाली नहीं कराया. नाजिर ने होटल संचालक का सामान जबरन बाहर निकाला, जो गलत है. दीपक भालोटिया
क्या कहती है पुलिस
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने धर्मशाला से किरायेदारों को खाली कराया है. कुछ लोगों ने इसका विरोध किया था.
अशोक कुमार, थाना प्रभारी जुगसलाई.