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घाघीडीह: टाटा स्टील में चोरी के आरोप में पकड़ा गया था, जेल से भागे बंदी ने 15 घंटे बाद किया सरेंडर

जमशेदपुर. घाघीडीह सेंट्रल जेल से बंदी प्रदीप पटेल रविवार की रात लगभग दो बजे फरार हो गया. बंदी के फरार होने की जानकारी सोमवार की सुबह 5:30 बजे जेलकर्मियों को वार्ड के बंदियों की गिनती के क्रम में हुई. एक बंदी को गायब देख जेलकर्मियों के होश उड़ गये. 18 जुलाई को टाटा स्टील परिसर […]

जमशेदपुर. घाघीडीह सेंट्रल जेल से बंदी प्रदीप पटेल रविवार की रात लगभग दो बजे फरार हो गया. बंदी के फरार होने की जानकारी सोमवार की सुबह 5:30 बजे जेलकर्मियों को वार्ड के बंदियों की गिनती के क्रम में हुई. एक बंदी को गायब देख जेलकर्मियों के होश उड़ गये. 18 जुलाई को टाटा स्टील परिसर में चोरी के अारोप में बिष्टुपुर पुलिस ने प्रदीप पटेल को जेल भेजा था. प्रदीप की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी. इस बीच दोपहर तीन बजे उसने बर्मामांइस थाना में समर्पण कर दिया. घाघीडीह सेंट्रल जेल में किसी बंदी के भागने की यह पहली घटना है.
बजी पगली घंटी, सायरन. जेल परिसर में तीन-चार बार गिनती में यह स्पष्ट होने पर की एक बंदी कम है पगली घंटी और सायरन बजाया गया. सभी बंदी अपने-अपने वार्ड में चले गये. इसके बाद फिर से बंदियों की गिनती कर पूरे जेल परिसर को खंगाला गया. सूचना मिलते ही जेल अधीक्षक सुबोध कुमार, जेलर बालेश्वर प्रसाद सिंह, परसुडीह थाना प्रभारी दल-बल के साथ जेल पहुंचे और पूरे जेल की तलाशी ली गयी, लेकिन प्रदीप का कोई सुराग नहीं मिला. दिन में 12:05 बजे सिटी एसी ने भी जेल पहुंचकर बंदी के फरार होने पर पूछताछ की.
जेल कर्मियों को शो-कॉज. जेल से बंदी के भागने के मामले में जेल प्रशासन ने सात जेल कर्मियों सहित जैप 10 बटालियन को शाे-कॉज कर जवाब मांगा हैं. इसमें दो होमगार्ड जवान, वांच टावर एक पर तैनात जवान, दफा प्रभारी व संतरी शामिल हैं.
सुरक्षा में सेंध, सीसीटीवी, वाच टावर फेल. रविवार शाम में नंबर बंदी के बाद प्रदीप मौका देख वेंटीलेटर के सहारे आरुणी वार्ड की छत पर चला गया. छत से वह पाइप के जरिये नीचे उतरा और फिर दीवार पर चढ़ जेल से बाहर निकल गया. जेल की सुरक्षा के लिए 22 सीसीटीवी और वाच टावर पर पुलिस बल तैनात थे, लेकिन किसी को बंदी भागने की जानकारी नहीं मिली.
उम्र का नहीं किया गया सत्यापन. प्रदीप को जेल भेजने और जेल आने पर उसके उम्र का सत्यापन नहीं कराया गया. जेल में बंदी के आने पर उम्र कम लगने पर जेल प्रशासन बंदी का मेडिकल जांच के लिए आवेदन करते है. मेडिकल बोर्ड उम्र की जांच करती है. प्रदीप के मामले में कोई कदम नहीं उठाया गया. केवल उसे कम उम्र के बंदियों के बीच भेज दिया.

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