जैसे सम्मानजनक कार्यस्थल, ईमानदारी आदि. इस वर्ष एथिक्स मंथ का विषय सम्मानजनक कार्यस्थल है, इसलिए लीडरशिप की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि कार्यस्थल पर सम्मान और गरिमा बनाये रखा जाये.
एस पद्मनाभन ने जेएन टाटा और जेआरडी टाटा के अनुकरणीय लीडरशिप का उदाहरणों के जरिये उल्लेख करते हुए टाटा समूह में लीडरशिप विद ट्रस्ट के इतिहास पर प्रकाश डाला. नैतिक संस्कृति को समृद्ध करने पर एक पैनल परिचर्चा भी हुई. चर्चा में मानव व्यवहार, लीडरों की भूमिका में परिवर्तन, निर्णय लेने की दुविधाओं जैसे प्रमुख पहलुओं के बारे में बात की गयी. टाटा मैनेजमेंट ट्रेनिंग सेंटर के एडवाइजर एलन बबऍ सत्र के संचालक थे. एक्सएलआरआइ के विजिटिंग प्रोफेतर जे सिंह, टीसीएस के प्रिंसिपल कंसल्टेंट एंड डिलीवरी पार्टनर इंद्राणी घोष, टाइटन कंपनी के चीफ एचआर राज नारायण, चीफ एथिक्स काउंसलर नंदा रकनचथ, सुधीर दलवी मुख्य वक्ता थे.
पैनल की चर्चा के बाद फादर ओस्वाल्ड एजे मस्केरनहास, एसजे, जेआरडी टाटा चेयर प्रोफेसर अॉफ बिजनेस एथिक्स, एक्सएलआरआइ के साथ एक सत्र आयोजित किया गया.कार्यक्रम के अंत में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं पर भी एक सत्र आयोजित किया गया. टाइटन के एथिक्स मैनेजमेंट हेड सुकन्या गोपीनाथ और टाटा पावर के हेड ऑपरेशन अशोक लोढ़ा सत्र के वक्ता थे. इस कार्यक्रम में जमशेदपुर स्थित टाटा समूह की कंपनियों के वरीय लीडर्स ने हिस्सा लिया.