17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूसिल: विस्थापित व प्रभावित शिक्षित युवाओं को नौकरी की मांग को लेकर जुटे ग्रामीण, कंपनी के गेट पर दिया छह घंटे धरना

गम्हरिया : गम्हरिया थानांतर्गत यूसिल कंपनी के विस्थापित व प्रभावित परिवार के शिक्षित युवाओं ने नौकरी समेत विभिन्न मांगों पर सोमवार को डुडरा पंचायत के महुलडीह गांव स्थित यूसिल कंपनी गेट पर छह घंटे (सुबह सात से दोपहर एक बजे तक) धरना-प्रदर्शन किया. इसमें गम्हरिया प्रखंड की तीन पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए. बजरंग […]

गम्हरिया : गम्हरिया थानांतर्गत यूसिल कंपनी के विस्थापित व प्रभावित परिवार के शिक्षित युवाओं ने नौकरी समेत विभिन्न मांगों पर सोमवार को डुडरा पंचायत के महुलडीह गांव स्थित यूसिल कंपनी गेट पर छह घंटे (सुबह सात से दोपहर एक बजे तक) धरना-प्रदर्शन किया. इसमें गम्हरिया प्रखंड की तीन पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए.

बजरंग दल विस्थापित-प्रभावित समिति के बैनर तले आंदोलन हुआ. इसका नेतृत्व समिति के अध्यक्ष सह ईटागढ़ पंचायत के मुखिया सह आजसू पार्टी नेता रवींद्र सरदार टाइगर व डुडरा पंचायत की मुखिया सुशीला सिंह सरदार ने किया. ग्रामीणों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी. हालांकि ग्रामीणों के आंदोलन से कंपनी के कामकाज पर असर नहीं पड़ा. मौके पर दिलीप गोप, जयदेव प्रधान, पुष्टि गोप, नरेंद्रनाथ महतो, राजेश गोप, हरेकृष्ण कालिंदी, परमेश्वर सरदार, अजय प्रधान, राम बेहरा, नरेन दास, संदीप गोप, संजय प्रधान, शेख दिलावर, अभिमन्यु प्रधान, मनोहर प्रधान, जतींद्रनाथ महतो, तरुण महतो, हाबलू गोप समेत ईटागढ़, डुडरा व जयकान पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे.

प्रभावितों से सौतेला व्यवहार कर रहा प्रबंधन
श्री सरदार ने बताया कि स्थापना से ही प्रबंधन प्रभावितों से सौतेला व्यवहार कर रहा है. 10 वर्ष बाद भी प्रबंधन ने क्षेत्र में सीएसआर से कल्याणकारी कार्य नहीं किया है. जिसके कारण ग्रामीणों में कंपनी प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश है. जबकि स्थापना से पूर्व सीएसआर के तहत कार्य करने का समझौता हुआ था.
समर्थन में पहुंचे गणेश माहली
ग्रामीणों के आंदोलन के समर्थन में भाजपा जिला महामंत्री गणेश माहली भी कंपनी गेट पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों के आंदोलन को हर कदम पर साथ देने का भरोसा जताया. गणेश माहली ने कहा कि ग्रामीणों की मांगों को स्थानीय विधायक यदि गंभीरता से लिया होता तो आज ग्रामीणों को आंदोलन करने की जरूरत नहीं पड़ती. जब इन ग्रामीणों को किसी तरह की मदद कंपनी प्रबंधन की ओर से नहीं दी गयी, तब जाकर ग्रामीणों को कंपनी के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन करना पड़ा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें