सेंटर फॉर एक्सीलेंस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (आरएम) राजीव सिंघल ने बताया कि पहले चरण में 35 करोड़ रुपये की लागत से 13 एकड़ जमीन में प्लांट लगाया गया है. कंपनी दूसरे चरण में कंपनी एक मेगावॉट का विस्तार करेगी. छह एकड़ जमीन खाली है, जिसमें एक मेगावाट उत्पादन हो सकता है. इससे प्लांट से प्रत्येक वर्ष तीन हजार टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा. इस मौके पर टाटा पावर सोलर के सीइओ आशीष खन्ना व टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी के एमडी संजीव मेहरा मौजूद थे.
राजीव सिंघल ने बताया कि नोवामुंडी में प्रतिमाह 15 मेगावॉट की खपत है. इसमें तीन मेगावाट आवासीय कॉलोनी में खर्च होता है. कंपनी वर्तमान में बिजली जेएसइबी से खरीदती है. लोड शेडिंग होने पर डीजी सेट से उत्पादन होता है. सोलर पावर प्लांट लगाने से खर्च में कमी आयेगी. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यह बड़ा कदम है. टाटा स्टील आने वाले समय में कंपनी के अन्य माइंस के अलावा शहर में कंपनी प्लांट के छतों पर सोलर पैनल लगाने पर विचार कर रही है.