जमशेदपुर : एक जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी कानून से बैंक में जाकर के ट्रांजेक्शन करना महंगा हो जायेगा. सरकार ने बैंक में होने वाले प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर सर्विस टैक्स को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है. यह टैक्स सभी तरह की बैंकों में हर तरह के खाते पर लागू होगा. ज्यादातर बैंकों में अब फ्री ट्रांजेक्शन करने की सीमा तय कर दी गयी है. प्राइवेट बैंक आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक ने वैसे ही बैंक में होने वाले फ्री ट्रांजेक्शन को सीमित कर दिया है.
अब भारत के सबसे बड़े बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी एक जून से बैंकिंग ट्रांजेक्शन को सीमित कर दिया है. एसबीआइ के ग्राहक बैंक और एटीएम मिलाकर के चार ट्रांजेक्शन हर महीने कर सकते हैं. एसबीआइ के बाद बाकी सरकारी बैंक भी ग्राहकों के लिए ट्रांजेक्शन सीमित कर सकते हैं. 100 रुपये के ट्रांजेक्शन पर देना होगा 3 रुपये अतिरिक्त टैक्स. बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट के मुताबिक, एक जुलाई से फ्री ट्रांजेक्शन के बाद होने वाले प्रत्येक ट्रांजेक्शन करने के लिए हर 100 रुपये पर तीन रुपये अतिरिक्त टैक्स देना होगा.
इसके साथ ही इन्श्योरेंस पॉलिसी खरीदना या फिर उनको रिन्यू कराना भी काफी महंगा हो जायेगा. अगर कोई भी व्यक्ति लाइफ, हेल्थ या फिर जनरल इन्श्योरेंस पॉलिसी खरीदता है, तो उसकी जेब पर ज्यादा बोझ पड़ेगा.बैंक-बीमा कंपनियां के मुख्यालयाें ने लिया जीएसटी नंबर. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में सभी बैंक, एनबीएफसी और बीमा कंपनियों को हर राज्य में निबंधन कराना हाेगा. एसबीआइ के पटना मुख्यालय ने जीएसटी का निबंधन करा लिया है. इसी तरह अलग-अलग बैंकाें ने भी अपने मुख्यालय काे इसके लिए अधिकृत कर दिया है. पूर्व में बैंकाें ने सेंट्रलाइज्ड रजिस्ट्रेशन की मांग की थी, जिसे सरकार ने देने मना कर दिया. बैंकों को कुछ राहत दी गयी है. उन्हें राज्यों के लिए हर महीने सिर्फ एक इनवॉयस जेनरेट करना होगा. हर ट्रांजैक्शन के लिए अलग इनवॉयस जेनरेट करने की जरूरत नहीं होगी. अभी बैंकों की कई सर्विसेज सेंट्रलाइज्ड हैं. बैंक, एनबीएफसी और बीमा कंपनियां देश भर में सेवाएं देती हैं. इसलिए ये पूर्व की भांति सिंगल निबंधन चाहते हैं. बैंक एक्सपर्ट का कहना है कि हर राज्य में निबंधन से प्रोसेसिंग और कंप्लायंस की दिक्कतें आयेंगी.