समाज में अच्छा आचरण करने, दोबारा जेल नहीं आने का लिया संकल्प
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घाघीडीह जेल से 5 बंदी रिहा
समाज में अच्छा आचरण करने, दोबारा जेल नहीं आने का लिया संकल्प रिहा बंदियों में चाईबासा की रहने वाली पार्वती गोप भी शामिल जमशेदपुर : घाघीडीह सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पांच बंदियों को राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद में लिये गये निर्णय के तहत रविवार को रिहा कर दिया गया. रिहा […]
रिहा बंदियों में चाईबासा की रहने वाली पार्वती गोप भी शामिल
जमशेदपुर : घाघीडीह सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पांच बंदियों को राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद में लिये गये निर्णय के तहत रविवार को रिहा कर दिया गया. रिहा किये गये बंदियों में चाईबासा की रहने वाले 59 वर्षीय महिला बंदी पार्वती गोप है. सरायकेला खरसावां के ग्राम बिटा के सेनाराम तियू उर्फ रोडे, नीमडीह थाना के ग्राम बटकम कोचा के सोमचंद्र मांझी, चांडिल थाना के ग्राम बहरबेड़ा निवासी कांद्रा मांझी और मानगो थाना के शंकोसाइ निवासी पप्पू शर्मा उर्फ कशीश शर्मा शामिल है.
जेल अधीक्षक सह एडीएम सुबोध कुमार, जेलर नसीम खान ने रिहा हुए बंदियों से समाज में अच्छे आचरण करने, दुबारा जेल नहीं आने का संकल्प लिया. जेल अधीक्षक सुबोध कुमार ने बंदियों को गणेश जी प्रतिमा सौंप नये जीवन की शुरुआत करने का कहा.
14 साल या उससे ज्यादा समय से बंद थे बंदी
जिन पांच कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया गया है, उन्हें अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. वे 14 साल तक जेल में सजा काट चुके हैं. गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त सचिव पूनम प्रभा पूर्ति का आदेश आते ही रिहा कर दिया. जबकि दो बंदी सोनारी निवासी 58 वर्षीय धीरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू और पटमटा के ग्राम बुरुलीह निवासी श्रृष्टिधर सिंह की रिहाई का मामला खारिज होने से वे रिहा नहीं हो सके. 30 मई को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य सजा पुनरीक्षण कमेटी की बैठक में राज्य के छह जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 78 बंदियों को रिहा करने का निर्णय लिया था.
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