हजारीबाग में दारुल कजा के मौके पर देश भर से जुटे उलेमा, मुफ्ती व अन्य, जानें किस तरह होता है कार्य

Jharkhand News, Hazaribagh News : हजारीबाग के जामा मस्जिद चौक में दारुल कजा उदघाटन समारोह की शुरुआत कुरआन शरीफ की तेलावत से हुई. मशहूर शायरों ने नात शरीफ पढ़ा. वहीं, बरेली शरीफ से आये पीरे तरीकत हुजुर मन्नानी मियां ने कहा कि दुया में इनसान एबादत के लिए पैदा किये गये है. उन्होंने कहा कि जो काम नेक नियत और भलाई के लिए किये जाएं वह एबादत है. साथ ही अल्लाह व रसुल के फरमुदात पर अमल करने पर जोर दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2021 9:14 PM

Jharkhand News, Hazaribagh News, हजारीबाग (जमालउद्दीन) : झारखंड के हजारीबाग स्थित जामा मस्जिद चौक में विभिन्न तंजीमों व अंजुमन कमेटियों के सहयोग से एदार- ए- शरिया के तत्वावधान में जश्न- ए- इफ्तिताह दारुल कजा शाखा एदार- ए- शरिया झारखंड का आयोजन किया गया. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से पीरे तरीकत, काजीयाने शरीयत, मुफ्ति, उलेमा ने भाग लिया और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए.

हजारीबाग के जामा मस्जिद चौक में दारुल कजा उदघाटन समारोह की शुरुआत कुरआन शरीफ की तेलावत से हुई. मशहूर शायरों ने नात शरीफ पढ़ा. वहीं, बरेली शरीफ से आये पीरे तरीकत हुजुर मन्नानी मियां ने कहा कि दुया में इनसान एबादत के लिए पैदा किये गये है. उन्होंने कहा कि जो काम नेक नियत और भलाई के लिए किये जाएं वह एबादत है. साथ ही अल्लाह व रसुल के फरमुदात पर अमल करने पर जोर दिया.

चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षा जरूरी

अमीन- ए- शरीअत केंद्रीय एदार ए शरीया पटना हुजुर मुफ्ती अब्दुल मन्नान कलीमी ने कहा कि देश व मिल्लत की अखंडता को मजबूत करना सब की जिम्मेदारी है. हमें अच्छे एखलाक से एक- दूसरे से पेश होना चाहिए. वहीं, मुफ्ती आबिद हुसेन मिस्बाही ने कहा कि तालीम की दौलत बहुत बड़ी है. हर चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षा जरूरी है.

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कोर्ट के बोझ को किया जा सकता है कम

एदार- ए- शरीया, झारखंड के नाजिमे आला सह मुख्य मैनेजिंग डायरेक्टर मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि दारुल कजा फार्सट्रेक कोर्ट का एक भाग है. इससे कोर्ट के बोझ को कम किया जा सकता है. वहीं, मुफ्ती डॉ अमजद रजा अमजद ने कहा कि मुसलमान परेशानियों के समाधान के लिए दारुल कजा से संपर्क करें.

क्या है दारुल कजा

दारुल कजा एक अदालत की तरह काम करता है. इसमें इस्लामिक तरीके से आपसी विवाद सुनवाई होती है. देश के सबसे लोकप्रिय मुस्लिम मौलाना पीर का कार्यक्रम है. हजारीबाग में सोमवार की रात 8:30 बजे कार्यक्रम की शुरुआत हुई है और यह कार्यक्रम रात भर चलेगा.

पदाधिकारी मनोनीत

पीराने तरीकत व काजीयाने शरीयत ने हजारीबाग दारुल कजा शाख एदार- ए- शरीया झारखंड का उदघाटन किया. मौलाना रिजवी ने प्रस्ताव रखा. राज्य के चीफ काजी ए शरीयत मुफ्ती आबिद हुसैन मिस्बाही ने हजारीबाग दारुल कजा के काजी के पद पर जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ्ती अब्दुल जलील कादरी को नियुक्त किया, जबकि गुशने बगदाद मंडई के प्रिसिंपल मुफ्ती मोबीन अहमद मिस्बाही को नाएब काजी नियुक्त व शपथ दिलाया गया. समारोह में 7 सदस्यीय मैनेजिंग कमेटी दारुल कजा का गठन हुआ. इसमें अध्यक्ष इरफान अहमद, जबकि 11 सदस्य मजलिसे शुरा का गठन किया गया. इसके संयोजक मुफ्ती महबुब आलम, मौलाना गुलम वारिस व मौलाना अय्युब मिस्बाही बनाये गये. जलसे को मुफ्ती फैजुल्लाह मिस्बाही, मौलाना नवाजिश करीम फैजी, मुफ्ती अनवर निजामी मिस्बाही, मुफ्ती गुलाम हुसैन सकाफी आदी ने भी संबोधित किया

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मौके पर 15 सूत्री प्रस्ताव भी पारित हुआ. ये दारुल कजा एदार ए शरीया झारखंड का 12वां जिला शाख बना जलसा को सफल बनाने में तंजीमे उलेमा, जामा मस्जिद कमेटी, अंजुन रजा, नुरी अकेडमी, जामा मस्जिद कमेटी, मौलाना महबूब, इरफान काजू, मौलाना गुलाम वारिस, मुस्तकीम, शकील बिहारी, रफत इमाम, महताब आलम, हाजी निजाम, शिबली अहमद, मोशाहिद, हाजी गुलाम सरवर, साजिद शामिल थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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