Jharkhand News : रिकॉर्ड रूम में रखे 200 साल पुराने दस्तावेज हैं असुरक्षित, दस्तावेज से छेड़छाड़ की आशंका

हजारीबाग में ताला-चाबी किसी निजी व्यक्ति के पास रखने की शिकायत मिली है. वह अपने तरीके से रिकॉर्ड रूम खोलता है. इतना ही नहीं देर रात तक रिकॉर्ड रूम खुला रहता है. यहां गोपनीय कई बड़े एवं महत्वपूर्ण लोगों के लिफाफा बंद वसीयतनामा एक बॉक्स में रखा गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2021 1:54 PM

Jharkhand News, हजारीबाग न्यूज (आरिफ) : झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग जिला निबंधन कार्यालय अभिलेखागार (रिकॉर्ड रूम) में 200 साल पुराने दस्तावेज देखरेख के अभाव में असुरक्षित हैं. समय रहते इसे नहीं संजोया गया, तो प्रमंडल के कई जिले एवं क्षेत्र गोला, बरही, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग एवं रामगढ़ का दस्तावेज निकालने में लोगों को अधिक परेशानी होगी. यहां 1865 से शुरू निबंधन दस्तावेज सहित स्थाई कई महत्वपूर्ण दस्तावेज इन दिनों देखरेख के अभाव में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं. वहीं कई दस्तावेज कार्यालय परिसर में जहां-तहां, जैसे-तैसे फेंके पड़े हैं.

बताया जा रहा है कि बगैर कोई सरकारी आदेश के कुछ निजी लोगों ने रिकॉर्ड रूम के दस्तावेज को छुआ है. इससे महत्वपूर्ण दस्तावेज इधर-उधर हुआ है. कुछ आवेदकों को समय पर दस्तावेज नहीं मिले हैं. इसकी शिकायत आवेदकों ने जिले के आला अधिकारियों से की है. कार्यालय सूत्रों के अनुसार बिहार-झारखंड दस्तावेज निबंधन कानून के मुताबिक रिकॉर्ड रूम की दो अलग-अलग ताला-चाबी हैं. एक जिला निबंधन पदाधिकारी व दूसरा रिकॉर्ड रूम कीपर के पास होना चाहिए. सवेरे 10:30 बजे दोनों की सहमति से रिकॉर्ड रूम खुलना चाहिए. निर्धारित समय अनुसार दोपहर एक बजे या फिर शाम पांच शाम बजे रिकॉर्ड रूम को बंद करना है.

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हजारीबाग में दोनों ताला-चाबी किसी निजी व्यक्ति के पास रखने की शिकायत मिली है. वह अपने तरीके से रिकॉर्ड रूम खोलता है. इतना ही नहीं देर रात तक रिकॉर्ड रूम खुला रहता है. यहां गोपनीय कई बड़े एवं महत्वपूर्ण लोगों के लिफाफा बंद वसीयतनामा एक बॉक्स में रखा गया है. इसे शील्ड-वील्ड कहा जाता है. जिले में हर नये आने वाले डीसी शील्ड-वील्ड का चार्ज लेते हैं. शील्ड-वील्ड अचल संपत्ति अरबों का है.

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हजारीबाग जिला एवं बरही अनुमंडल निबंधन कार्यालय चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही दस्तावेज निबंधन और राजस्व वसूली में पिछड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष के प्रथम छमाही में हजारीबाग निबंधन कार्यालय से कुल 4015 दस्तावेज निबंधित हुए. इससे 16.82 करोड़ राजस्व की वसूली हुई है. राज्य में हजारीबाग सातवें नंबर पर है. वहीं बरही अनुमंडल निबंधन कार्यालय से 878 दस्तावेज का निबंधन किया गया. 1.97 करोड़ राजस्व की वसूली हुई. राज्य में बरही दस्तावेज निबंधन एवं राजस्व की वसूली में 28वें स्थान पर है.

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अगस्त 2021 में जिला निबंधन पदाधिकारी रूपेश कुमार सिन्हा के आने के बाद से प्रत्येक सप्ताह तीन दिन (सोमवार से बुधवार) तक दस्तावेज का निबंधन होने से दर्जनों दस्तावेज लंबित हैं. बताया जा रहा है कि रूपेश कुमार सिन्हा को बरही अनुमंडल निबंधन कार्यालय का अतिरिक्त प्रभार मिला है. श्री सिन्हा गुरुवार से शनिवार तक बरही अनुमंडल निबंधन कार्यालय में दस्तावेज का निबंधन कार्य देख रहे हैं. निबंधन शुल्क ऑनलाइन लेने के बावजूद कई महत्वपूर्ण दस्तावेज का समय पर निबंधन नहीं होने से कई आवेदक परेशान हैं.

अधिवक्ता एवं हजारीबाग बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजकुमार राजू ने कहा है कि रिकॉर्ड रूम में सरकारी महत्वपूर्ण दस्तावेज होते हैं. इसमें किसी निजी व्यक्ति द्वारा छेड़छाड़ करना आपराधिक मामला है. इस मामले में जिला निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड कीपर रीतराम पासवान ने कहा कि रिकॉर्ड रूम को बेहतर बनाया गया है. निजी व्यक्ति के अंदर प्रवेश पर मनाही है.

जिला निबंधन पदाधिकारी रूपेश कुमार सिन्हा ने कहा कि रिकॉर्ड रूम का संचालन पहले से बने नियम अनुसार हो रहा है. रिकॉर्ड कीपर को जवाबदेही मिली है. किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर रिकॉर्ड कीपर दोषी होंगे और उनपर विभागीय कार्रवाई होगी. बरही निबंधन कार्यालय का प्रभार उन्हें मिला है. दोनों कार्यालयों के कामकाज समय पर निपटाये जा रहे हैं. दस्तावेज के निबंधन में नियमों का ख्याल रखा गया है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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