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बड़कागांव में छठे दिन भी जारी रहा हाथियों का उत्पात, 20 एकड़ में लगी धान की फसल रौंदी

हजारीबाग जिला के बड़कागांव वन क्षेत्र के विभिन्न गांवों में हाथियों का उत्पात छठे दिन भी जारी रहा. गत रात सोती के ऊपर पहाड़ से उतरकर हाथियों का झुंड चंदोल गांव पहुंचा. यहां रात भर हाथियों ने उत्पात मचाया. लगभग 20 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लगी धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया.

बड़कागांव (संजय सागर) : हजारीबाग जिला के बड़कागांव वन क्षेत्र के विभिन्न गांवों में हाथियों का उत्पात छठे दिन भी जारी रहा. गत रात सोती के ऊपर पहाड़ से उतरकर हाथियों का झुंड चंदोल गांव पहुंचा. यहां रात भर हाथियों ने उत्पात मचाया. लगभग 20 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लगी धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया.

जिन किसानों के धान व टमाटर की फसलों को नुकसान हुआ है, उनमें से मुखिया बिंदिया देवी, विनेश्वर यादव, महेंद्र यादव, लोकान यादव, जितेंद्र ठाकुर, प्रभु ठाकुर, मुकुंद्र गंझू, भुवनेश्वर ठाकुर, कृष्णा यादव, अमृत ठाकुर, धनेश्वर यादव, लोकन गोप, सोहर यादव, दिनेश्वर यादव, सुरेंद्र यादव, गोवर्धन यादव, मोहम्मद अशरफ का धान एवं सागर यादव, महावीर यादव, टेकन यादव की टमाटर की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया.

मुखिया बिंदिया देवी ने बताया कि हाथियों ने धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. इनका कहना है कि प्रति एकड़ 15 से 20 हजार रुपये की फसल किसानों की बर्बाद हो गयी है. मुखिया ने इन किसानों के लिए वन विभाग एवं प्रशासन से मुआवजा की मांग की है.

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रेंजर बोले : किसानों को मिलेगा मुआवजा

बड़कागांव के रेंजर उदय चंद्र झा ने बताया कि हाथियों को भगाने के हर प्रयास किये जा हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों की फसलों को हाथियों से नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिया जायेगा. इसके लिए उन्हें खेतों की तस्वीर, रसीद एवं पासबुक की फोटो कॉपी आवेदन के साथ सीइओ के पास जमा करेंगे. उसके बाद वन विभाग द्वारा जांच-पड़ताल करने के बाद मुआवजा दिया जायेगा.

पिछली बार भी जितने किसानों की फसलों का नुकसान हुआ था, उन्हें उचित मुआवजा दिया गया था. वन विभाग के सिपाही भूपेंद्र कुमार ने बताया कि फसलों को हुए नुकसान की जांच-पड़ताल की. उन्होंने बताया कि वन विभाग के द्वारा हाथियों को भगाने में प्रयास जारी हैं.

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उन्होंने बताया कि एनटीपीसी के कन्वेयर बेल्ट लगाने के लिए जंगल काटे गये हैं, इसकी वजह से हाथियों का उत्पात बढ़ गया है. घाटी के पास कन्वेयर बेल्ट लाइट रहने के कारण हाथियों का झुंड जंगल की ओर नहीं जा पाये. इसलिए हाथी पुनः लौटकर गांव की ओर आ गये.

Posted By : Mithileh Jha

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