हजारीबाग : जजर्र व गड्ढों वाली सड़क, कूड़े-कचरे से भरी बजबजाती नालियां और जहां-तहां गंदगी अब हजारीबाग शहर की पहचान बनने लगी है. राज्य भर से आनेवाले आगंतुकों का पहला पड़ाव प्राइवेट और सरकारी बस पड़ाव होता है.
इन दोनों बस स्टैंड के बाहर चौराहे पर फव्वारा लगाया गया है. वर्षो से दोनों फव्वारा खराब है. फव्वारा स्थल के अंदर पेड़-पौधे उग आये हैं. शहर में आनेवालों का स्वागत रंगीन फव्वारों से होने के बजाय टूटे-फूटे फव्वारों से हो रहा है. मामूली खर्च पर दोनों फव्वारा ठीक हो सकता है.
लेकिन सरकारी विभाग, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, सांसद, विधायक तथा नगर पर्षद के प्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं है. इसे ठीक करने के लिए स्थानीय लोगों व विभिन्न संगठनों की ओर से भी आवाज बुलंद नहीं की जाती हैं. छात्र संगठन भी खामोश हैं. हर दिन इन दोनों फव्वारों की बदहाल स्थिति को देखकर हजारों लोग गुजरते हैं. लेकिन आंदोलन कर ठीक करवाने का जज्बा किसी ने नहीं दिखाया है.