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शहर में पांचवें दिन भी ब्लैक आउट

परेशानी. दुकानों के गिर गये हैं शटर, संचार व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त हजारीबाग : शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को छठे दिन भी बिजली संकट बरकरार रहा. बिजली के नहीं रहने से आम लोग परेशान हैं. कारोबार पूरी तरह से ठप है. लोगों का दिनचर्या प्रभावित हो गया है. बिजली नहीं रहने के […]

परेशानी. दुकानों के गिर गये हैं शटर, संचार व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त
हजारीबाग : शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को छठे दिन भी बिजली संकट बरकरार रहा. बिजली के नहीं रहने से आम लोग परेशान हैं. कारोबार पूरी तरह से ठप है. लोगों का दिनचर्या प्रभावित हो गया है. बिजली नहीं रहने के कारण अब लोगों का गुस्सा फूटने लगा है. विरोध के स्वर चारों ओर उठने लगे हैं. कोई केंद्र व राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, तो कहीं जिला प्रशासन व बिजली विभाग के कार्यों पर सवाल उठ रहे हैं. शहर में पिछले दो दिनों से तार व खजूर के पंखों की बिक्री बढ़ गयी है.
पेयजल संकट
शहर व गांव में जल संकट उत्पन्न हो गया है. शहर में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित है. वहीं डीप बोरिंग से शहर के आधी आबादी प्यास बुझाती है. बिजली नहीं रहने के कारण मोटर नहीं चलने से परेशानी बढ़ गयी है. चापानल छह दिन में खराब हो गये हैं. तालाब भी सूख गये हैं. कुंओं में भी जल स्तर काफी नीचे चला गया है.
कई इलाके अंधेरे में
छह दिनों बाद भी शहर के मटवारी मुहल्ला के कई इलाकों में पांच फीट पर बिजली का तार झूल रहा है. वार्ड पार्षद सुदीप्ता चटर्जी ने कहा कि कई पोल मेरे घर के पास गिरे हुए हैं. जिला परिषद चौक से संत जेवियर्स स्कूल, पीटीसी चौक तक बिजली के पोल व तार टूटे हुए हैं.
यही हाल शहर के कई इलाकों में अभी भी बरकरार है. नूरा, न्यू एरिया मुहल्ले के लोग आक्रोशित होकर अधिकारियों को घेरने लगे हैं. कार्मेल स्कूल चौक के पास सरकारी आवास में बिजली अभी तक नहीं पहुंची है.
जेनरेटर, तेल व डीजल की बढ़ी खपत
बिजली नहीं रहने से निजी जेनरेटर संचालक घर-घर पानी का मोटर चला कर पेयजल की व्यवस्था करा रहे हैं. इसके एवज में संचालक प्रति घंटा दो से तीन सौ रुपये वसूल रहे हैं. इस अवधि में एक टंकी पानी लोग भर रहे हैं. डीजल की खपत पिछले छह दिनों में आम दिनों की तुलना में 100 गुना बढ़ गयी है.
डीसी ने की अफसरों के साथ बैठक
शहर में विद्युत एवं जलापूर्ति सेवा ठप होने के कारण स्थिति चरमरा गयी है. जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. गुरुवार को उपायुक्त मुकेश कुमार ने विद्युत व जलापूर्ति में सुधार को लेकर पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. डीसी ने कहा कि भीषण आंधी-तूफान के कारण शहर में काफी क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर विद्युत आपूर्ति नियमित कर दी जायेगी. उन्होंने जलापूर्ति विभाग को भी नियमित आपूर्ति करने का निर्देश दिया, ताकि शहरवासियों को परेशानी न हो.
छह दिन में करोड़ों का नुकसान
21 मई से 26 मई तक बिजली आपूर्ति ठप रहने से करोड़ों का नुकसान हुआ है. बैंक, डाकघर, एटीएम मशीन व एलआइसी कार्यालय समेत अन्य कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हुआ है.
बाजार में रौनक नही है. दुकानें खाली है. बिजली संचालित उद्योग धंधे लगभग ठप हैं. स्थिति यह है कि शहर के कई दुकानों के शटर गिरे हुए हैं.इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान में भी कारोबार ठप है. कल-कारखानों में काम नहीं हो रहा है. आंधी-तूफान से बिजली विभाग का पोल व तार टूटने व गिरने से एक करोड़ से अधिक का नुकसान का आंकलन किया गया है.
बिजली नहीं रहने से 30 से 40 लाख का नुकसान बिजली विभाग को हुआ है. बीएसएनएल का नेटवर्क लगातार फेल रहने से भी लाखों का नुकसान हुआ है. यहां तक की कृषि प्रभावित क्षेत्र में पांच हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि में पटवन नहीं हो पाया. इससे फसल बरबाद होने लगे हैं.

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