हजारीबाग : गरमी के मौसम में पूर्वी क्षेत्र का कश्मीर या हिल स्टेशन कहा जानेवाला बागों के शहर हजारीबाग की हवा जहरीली होती जा रही है. यहां की आब-ओ-हवा प्रदूषित हो रही है. यहां की खुशनुमा जलवायु, आनंददायी आब-ओ-हवा, सुहाना मौसम अब इतिहास की बातें होती जा रही हैं.
शहर के बाग-बगीचे का अस्तित्व समाप्त होने, शहर के आसपास तेजी से पेड़ों के कटने, औद्योगिकीकरण और शहर की टूटी सड़क-नाली गंदगी हवा को जहरीला बना रहे हैं. शुद्ध हवा के मानक मापदंड में शहर काफी पीछे चली गयी है. जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहर के तीन स्थानों पर हवा की जांच के लिए हाइ वॉल्यूमसेंपलर मशीन लगायी गयी थी.
इससे पिछले एक साल (फरवरी 2012 से फरवरी 2013) तक हवा में मौजूद धूलकण, नाइट्रोजन मोनोक्साइड और सल्फर डाइ-ऑक्साइड का प्रतिशत रिकॉर्ड किया गया. इससे पता चला कि शहर की हवा में धूलकण का प्रतिशत मानक मापदंड से ऊपर पहुंच गया है. जबकि हवा में धूलकण 100 एमजी प्रति एनएनक्यूब रहना चाहिए. इसी तरह नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड भी हवा में काफी तेजी से बढ़ रहा है.
यह बढ़ कर 67 एमजी प्रति एनएनक्यूब तक जा पहुंचा है, जो अंगरेजों के राज में 10 एमजी प्रति एनएनक्यूब हुआ करता था.
– सलाउद्दीन/जयनारायण –