जैसे-तैसे चल रहे हैं नप क्षेत्र के 44 प्रावि
हजारीबाग : नगरपालिका क्षेत्र में 44 सरकारी प्रारंभिक विद्यालय चल रहे हैं. इन विद्यालयों में पानी व शौचालय का अभाव है. इस गरमी के मौसम में विद्यार्थी पानी के लिए भटक रहे हैं. शौचालय नहीं होने से विद्यार्थी परेशान रहते हैं. खास कर छात्राओं को कई परेशानियों से जूझना पड़ता है.
शहर में कई आलाधिकारी मौजूद हैं और प्रतिदिन इन्हीं विद्यालयों से होकर गुजरते भी हैं. फिर भी स्थिति यथावत है. शिक्षा पदाधिकारी भी इस ओर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. यही कारण है कि अधिकतर सरकारी विद्यालयों में समस्याओं का अंबार लगा है.
तड़ित चालक, चहारदीवारी, स्कूलों का रंग-रोगन, साफ-सफाई, पेड़-पौधे लगाने जैसी बातें सपने ही हैं. अगर कहा जाये, तो भगवान भरोसे बच्चे स्कूल में पढ़ने जाते हैं और फिर घर लौटते हैं.
कहां-कहां नहीं है व्यवस्था
मेहतर टोली प्राथमिक विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था नहीं. शौचालय भी नहीं है. इसी तरह प्राथमिक विद्यालय हिंदी मटवारी, प्रावि श्रमिक गाड़ीखाना, प्रावि मदरसा इस्लामियां व एनपीएस विद्यालय भुइयां टोली बाबूगांव में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की.
मध्य विद्यालय धर्मशाला, हुरहुरू मध्य विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, बड़ा बाजार हिंदी वाध्य विद्यालय, केएन इस्लामिया में शौचालय नहीं है. मध्य विद्यालय उर्दू, नूरा तथा प्रावि कुम्हारटोली में पानी की व्यवस्था नहीं है.
कई विद्यालय भवनहीन
एनपीएस मल्लाह टोली स्थित विद्यालय का भवन है. मध्य विद्यालय धर्मशाला भवनहीन है. प्रावि हिंदी मटवारी में विद्यालय के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है. एनपीएस भुइयां टोली बाबूगांव में भूमि उपलब्ध नहीं है.
पत्रचार का नतीजा नहीं
नगरपालिका विद्यालय के अवर निरीक्षक दुधेश्वर पासवान ने कहा कि वरीय अधिकारियों को समस्या से अवगत कराता रहा हूं. पत्र लिख कर समस्या बतायी गयी है. उन्होंने कहा कि कई स्कूल भवनहीन हैं. स्कूल भाड़े के घर में चल रहा है. इस समस्या को भी शिक्षा अधिकारियों को बताया गया है.
राशि आवंटित की जा रही है (डीएसइ) डीएसइ सह डीपीओ डॉ अरुणानाथ ने कहा कि स्कूलों में पेयजल की समस्या से अवगत नहीं हूं. विद्यालय में शौचालय का अभाव है. इसे पूरा करने को लेकर सर्वशिक्षा अभियान के तहत राशि विद्यालयों में आवंटित की जा रही है.
समस्या गंभीर है : डीइओ
डीइओ राजकुमार प्रसाद सिंह ने कहा कि स्कूलों में पेयजल व शौचालय नहीं होना गंभीर समस्या है. सर्वशिक्षा अभियान के तहत बड़ी राशि शौचालय व पेयजल सहित स्कूल के विकास कार्यो को लेकर खर्च की जाती है. ऐसे में शहर के अधिकतर स्कूलों में बच्चे पानी के लिए परेशान हैं तथा शौचालय नहीं होना, अफसोस की बात है.
– मो आरिफ –