गुमला, जगरनाथ पासवान : गुमला जिला के डुमरी प्रखंड अंतर्गत मिरचईपाट गांव में पिछले कई सालों से बंद पड़ा स्कूल अब खुल गया है. स्कूल में बच्चे पहुंचने लगे हैं और वे शिक्षा भी ग्रहण कर रहे हैं. झारखंड प्रदेश रसोईया संयोजिका अध्यक्ष संघ सह प्रतिज्ञा महिला एसोसिएसशन की अध्यक्ष देवकी देवी की पहल और उपायुक्त सुशांत गौरव के निर्देश के बाद कई सालों से बंद पड़ा स्कूल एक बार फिर से गुलजार हो गया है. वहीं, गांव के लोग भी काफी खुश हैं.
चार साल से स्कूल बंद
बता दें कि पूर्व में स्कूल में वर्ग पांच तक पढ़ाई होती थी. फिर किसी कारणवश स्कूल बंद हो गया. गांव के लोगों को भी स्कूल बंद होने के कारण का पता नहीं है. इधर, गत साल देवकी देवी ने डुमरी में स्कूलों के रसोइया एवं संयोजिकाओं के साथ बैठक किया था. इस क्रम में उन्हें मिरचाईपाट का स्कूल पिछले तीन-चार साल से बंद होने के संबंध में जानकारी मिली थी. उन्होंने स्कूल देखा, तो पाया कि स्कूल बंद है. साथ ही स्कूल भवन की स्थिति भी खराब है.
डीसी के समक्ष रखी गयी समस्या
उन्होंने स्कूल की समस्या को उपायुक्त के समक्ष रखा. इसके बाद उपायुक्त के निर्देश पर स्कूल को फिर से खोल दिया गया है. साथ ही बच्चों को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक भी मुहैया कराया गया है. स्कूल खुलने के बाद से रोजाना लगभग 20 बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं. स्कूल में बच्चों को दोपहर में एमडीएम भी दिया जा रहा है. अब ग्रामीणों को प्रशासन से उम्मीद है कि गांव की पानी, बिजली, सड़क, चिकित्सा जैसी कमियों को भी दूर किया जायेगा.
अब हमारे बच्चे भी पढ़-लिख सकेंगे : ग्रामीण बैशाखु मुंडा
ग्रामीण बैशाखु मुंडा ने कहते हैं कि स्कूल तीन-चार सालों से बंद है. स्कूल बंद होने के कारण गांव के बच्चे वंचित हो रहे थे. परंतु अब स्कूल खुल गया है. स्कूल खुलने से पूरे गांव में खुशी है. उन्होंने उपायुक्त को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब हमारे बच्चे भी पढ़-लिख सकेंगे. उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ाई तो शुरू हो गया है. परंतु स्कूल भवन काफी जर्जर है. स्कूल में पानी, शौचालय की भी सुविधा नहीं है. इन समस्याओं का अभी समाधान होना बाकी है. ताकि बच्चों को स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.
स्कूल खुलने से बच्चे पढ़-लिख कर जागरूक इंसान बनेंगे : देवकी देवी
झारखंड प्रदेश रसोईया संयोजिका अध्यक्ष संघ सह प्रतिज्ञा महिला एसोसिएसशन की अध्यक्ष देवकी देवी ने उपायुक्त सुशांत गौरव को धन्यवाद देते हुए कहा कि गांव में स्कूल खुलने से बच्चे पढ़-लिख कर जागरूक इंसान बनेंगे. उन्होंने बताया कि गांव में पानी, बिजली, सड़क, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. सड़क की स्थिति ठीक नहीं है. गांव के लोगों को प्रखंड मुख्यालय पहुंचने के लिए लगभग 50 किमी की दूरी तय करना पड़ता है. यदि करनी से मिरचाईपाट तक लगभग 12 किमी सड़क बना दिया जाये तो गांव के लोगों को 50 किमी की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी.